निगम कर्मचारी क्यों कर रहे आत्महत्या, पुलिस करे निष्पक्ष जांच
ज्ञानेश्वर देवांगन के पूर्व एक और कर्मचारी किया था आत्महत्या
प्रताडऩा का आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले देवांगन के मामले की नही हुई अब तक कार्यवाही
भिलाई. नगर पालिक निगम चरोदा की महापौर चंद्रकांता मांडले ने निगम कर्मचारी की आत्महत्या के मामले में पुलिस अधीक्षक प्रखर पांड को पत्र लिखकर कहा है कि आखिर निगम कर्मचारी आत्महत्या क्यों कर रहे हैं, निगम कर्मचारियों को आखिर क्या कार्यालयीन परेशानी है, जो इस प्रकार का आत्मघाती कदम उठा रहे है। पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच करें, क्योंकि इससे पूर्व भी ढाई साल पूर्व लिपिक महेश चंद्राकर ने भी डयूटी टाईम में ट्रेन के कटकर आत्महत्या कर ली थी। महापौर मांडले ने पत्र में ज्ञानेश्वर देवांगन के सोसाईड नोट का भी जिक्र करते हुए
निगम कर्मचारी ज्ञानेश्वर देवांगन के आत्महत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पुलिस अधीक्षक को लिखे गए पत्र में महापौर ने कहा है कि निगम कर्मचारी ज्ञानेश्वर देवांगन ने 10 मई को ड्यूटी पर थे। लंच के बाद उन्होंने परमेश्वरी भवन में फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली। पुलिस अधीक्षक से भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो। इस बात को ध्यान में रखते हुए पूरे मामले की निष्पक्षता से न्यायिक जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस यह भी जांच करे कि आािर कौन है दाऊ और एचओ
महापौर ने पुलिस अधीक्षक को सुसाइड नोट की कापी भी सौंपा है। सुसाइड नोट में मृतक ने कार्य को लेकर प्रभारी को निश्चिंत बताया है। उसे दाऊ बताया है। डर बना रहता है, इसका जिक्र किया है। एएचओ पीड़ा नहीं समझने की बात भी लिखी है। टेबल ट्रांसफर को लेकर केडी साहब के बारे में भी जिक्र किया है।