छत्तीसगढ़

प्राथमिक विद्यालय के बच्चो को मोहल्ला क्लास के नाम से घर घर जाकर पढा़ रहे अध्याकपक, The primary school children were studying door to door in the name of Mohalla class

राजनांदगांव से नीलकंठ की रिपोर्ट

राजनांदगांव  /  करैरा अनुविभाग के ग्राम सीहोर में शासकीय प्राथमिक विद्यालय के बच्चो को मोहल्ला क्लास के नाम से घर घर जाकर पढा़ रहे हैं। इस मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चे भी उत्साह के साथ पढ़ने के लिए मोहल्ला क्लास में आ रहे हैं। जिस तरीके बच्चे स्कूलों में पढ़ने के लिए आते थे ठीक इसी तरह मोहल्ला क्लास में भी बच्चे पढ़ने में रुचि दिखा रहे हैं। पिछले 10 महीनों से कोरोना महामारी के चलते जब लॉकडाउन लगने के साथ ही स्कूल भी बंद कर दिए गए थे। हाई स्कूल की कक्षाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन प्राइमरी और मिडिल कक्षाओं के लिए स्कूल अभी भी शुरू नहीं किए गए हैं। बच्चों का भविष्य खराब न हो इसके लिए करैरा नरवर ब्लाक के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला क्लास के जरिए ही पढ़ाया जा रहा है। करैरा से 25 किलो मीटर दूर सीहोर के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की मोहल्ला क्लास में उपस्थिति शत-प्रतिशत है।

शारीरिक दूरी और वैक्सीन का पाठ भी पढ़ रहे बच्चे

शिक्षक प्रकाश शर्मा और शिक्षिका रानी मौर्य ने बताया है कि हम पिछले कई महीनों से हमारे स्कूल की सीमा से लगने वाले गुर्जर मोहल्ला, हरिजन बस्ती, गुप्ता मोहल्ला में जाकर बच्चो को पढ़ा रहे हैं। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी पूरा पालन किया जाता है। बच्चों को मास्क लगाने की हिदायत दी जाती है। बच्चों को कोरोना महामारी के बारे में भी पूरी जानकारी दते हैं।

करैरा और नरवर के कई स्कूलों में आज तक नहीं लगी मोहल्ला क्लास

करैरा ब्लाक हो या फिर नरवर ब्लाक सभी जगहों पर खासकर दूर दराज के गांव है उनमें आज तक मोहल्ला क्लास नहीं लगाई गई है। पिछले 10 महीनों से कई शिक्षक घर बैठकर मुफ्त की तन्खाह ले रहे हैं। न ही उनके स्कूलों का ताला खुला है और न ही वे कभी मोहल्ला क्लास लेने के लिए गए हैं। राजगढ़, पारागढ़, जयनगर, अमोला क्रेसर दीवट अमोलपठा,धावारा, ऊडवाह में जितने भी एजीएस शालाएं हैं, उनके तो ताले लाकडाउन से ही पूरी तरह बंद पड़े हैं। यहां तक कि स्कूलों की साफ सफाई तक नहीं हो रही है ।

 

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