छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

सूबेदार रामजी न होते तो भीमराव आम्बेडकर जैसा नगीना ना मिलता:मेश्राम:If Subedar Ramji was not there, Bhima Rao Ambedkar would not have got Nagina: Meshram

बुद्ध विहार मे श्रद्धांजलि सभा संपन्न हुई
भिलाई। दि बुद्धिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया शाखा भिलाई द्वारा भारतीय संविधान के शिल्पकार व दि बुद्धिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के संस्थापक बोधिसत्व डा बाबा साहेब आम्बेडकर के पिताजी दिवंगत सूबेदार रामजी को श्रद्धांजलि अर्पित किये जाने हेतु आयोजित श्रद्धांजलि सभा मे सूबेदार रामजी सकपाल आम्बेडकर के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत सभा को संबोधित करते हुए संस्था के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मेश्राम ने कहा कि सूबेदार रामजी सकपाल सकपाल का जन्म 14 नवंबर 1838 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले मे और देहांत 2 फरवरी 1913 को मुंबई मे हुआ था। पूज्यनीय व कर्मवीर रामजी सकपाल ने अपने जीवनकाल मे बड़े ही धैर्य व साहस के साथ अभाव मे भी अपनी चौदहवी संतान  भीमराव अम्बेडकर जी को पढ़ाया लिखायाए बडोदरा के महाराज से छात्रवृत्ति दिलाकर उच्च अध्ययन हेतु भीमराव जी को विदेश भिजवाया। आज उनके  कारण ही हम सब डाण् बाबा साहेब आम्बेडकर द्वारा दिये गये संविधानए धम्म व आरक्षण का लाभ ले रहे है। अगर सूबेदार रामजी सकपाल ना होते तो समाज को और भारत को बाबासाहेब आम्बेडकर जैसा विद्वान नगीना ना मिल पाता। दि बुद्धिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के  अनेक पदाधिकारियो द्वारा श्रद्धा के तुल्य मानव सूबेदार रामजी सकपाल को भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि समारोह मे अनिल मेश्राम प्रदेश अध्यक्ष दि बुद्धिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया, संस्था के महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष भारती खांडेकर, जयश्री बौद्ध प्रदेश महासचिव, नीतू डोंगरे प्रांतीय सचिव, वंदना बौद्ध प्रान्तीय संगठन सचिव, निर्मला गजभिये प्रदेश संगठन सचिव, भिलाई शाखा के महासचिव सुधेश रामटेके, बिशेसर गजभिये, गौतम खोब्रागड़े, ठानेन्द्र कामड़े, युवराज गजभिये, अनिता मेश्राम, गीतिका मेश्राम, अंकित शेंडे सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।Ó

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