छत्तीसगढ़

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की सहायता से लोटिया डबरी नाला के सिंचीत क्षेत्र में हुई वृद्धि

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की सहायता से लोटिया डबरी नाला के सिंचीत क्षेत्र में हुई वृद्धि।।*
*नरवा अभियान का दिखने लगा असर माराडबरा बहनाखोदरा एवं खिलारी के  ग्रामीणों को रबी फसल कि सिंचाई  के लिए मिला रहा पर्याप्त पानी।।*
            छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के अधोसंरचना विकास करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना मुख्य उद्देश्य रहा है। इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी येाजना की सहायता से ग्रामीण अंचलों में भू-जल स्तर में वृद्धि कर जल संरक्षण को बढावा देते  हुए रोजगार का अवसर के साथ किसानी कार्य के लिए साल भर पानी उपलब्ध करना लक्ष्य रहा है। इसके लिए जिले के बहुत से नालों का जिर्णोद्धार कार्य नरवा अभियान के तहत चलाया जा रहा है। मैदानी क्षेत्र से लेकर दुर्गम जंगल क्षेत्रों तक नरवा विकास का कार्य कबीरधाम जिले में हो रहा है। इसी क्रम में विकासखण्ड बोड़ला के ग्राम पंचायत शिवनीकला, बहनाखोदरा एवं शीतलपानी में बहने वाला लोटिया डबरी नाला का जिर्णोद्धार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी येाजना  से किया गया है। जिसका सुखद परिणाम अब नाले में बहते पानी के रूप में ग्रामीणों को मिलने लगा है। कुल 10.82 किमी लम्बे लोटिया डबरी नाला के बहाव क्षेत्र में 6.72 किमी वन क्षेत्र एवं 4.1 किमी राजस्व क्षेत्र आता है। माराडबरा, खिलारी जैसे गांव में पंप की मद्दद से किसान नरवा का पानी खेतो में सिंचाई  के लिए उपयोग कर रहे है। दुर्गम स्थल जंगलों के बीच इन गांव में मुख्यता विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते है और नरवा से लाभ ले रहे है। नरवा के सिंचित क्षेत्र में वृद्धि होने का एक परिणाम यहाँ भी है की कुँए का जल स्तर और ऊपर हो गया है।
*महात्मा गांधी नरेगा योजना से लोटिया डबरी नाला में हुए कार्य पर एक नजर!*
 नाले के बहाव क्षेत्र में पानी रोकने के उद्देश्य से महात्मा गांधी नरेगा योजना से ब्रश वुड चेक, लूज बोल्डर चेकडेम, पर्कोलेशन टेक, गेबियन स्ट्रक्चर, निजी डबरी, रिचार्ज पीट, कुआं निर्माण जैसे अनेक कार्य सहित कुल 97 कार्य लागत राशि 1 करोड़ 71 लाख 21 हजार रूपये के लागत से स्वीेकृत किया गया है। जिनमें से बहुत से स्थानो पर विभिन्न प्रकार के 68 कार्य पूर्ण हो चूके है तथा वर्तमान में 21 कार्य प्रगति पर है। बहुत से छोटे- छोटे  सरंचना बनाने का फायदा हुआ की नाला में गाद बहुत काम जमा हुआ है और पानी ज्यादा रुका है।
*महात्मा गांधी नरेगा योजना से हुए नरवा विकास के कारण ग्रामीणों को मिल रहा लाभ।*
             लोटिया डबरी नाला का जिर्णोद्धार एक विस्तृत कार्य योजना के अनुरूप किया गया। नाले के प्रारंभिक बहाव क्षेत्र से लेकर अंतिम क्षेत्र तक तकनिकी विशषज्ञों द्वारा स्थानीय स्तर पर कार्यो  की आवश्यकता के अनुरूप कार्य कराये गये। नाले को उपयोगी बनाने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना से 97 कार्य स्वीकृत किया गया है शिवनीकला, बहनाखोदरा एवं शीतलपानी के ग्रामीणों को सीधे तौर पर 48,618 मानव दिवस रोजगार प्राप्त होकर 88 लाख 57 लाख रूपये का मजदूरी भुगतान प्राप्त हुआ।  कहा जा सकता है कि जिस नाले के पानी से तीनों गांव के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलने वाली है उसी के जिर्णोद्धार कार्य में इन्हें बड़ी मात्रा में रोजगार भी प्राप्त हुआ है। साथ ही रबी फसल के लिए सिंचाई की सुविधा 58.60 हेक्टयर से बढ़ कर 36.60 हेक्टेयर हो चुकि है तथा खरिफ फसलों में सिंचाई का क्षेत्र 140 हेक्टेयर से बढकर 154.99 हेक्टेयर हो गया है। सिंचाई का साधन मिल जाने से तीनों गांव के किसान सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे है तथा इनके खेतों में लहलहाते गेहू ,चना, मटर  के फसलो को देखा जा सकता है।
*नरवा में स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार का अवसर देते हुए सिंचित क्षेत्र में हई वृद्धि: सीईओ जिला पंचायत*
            लोटिया डबरी नाला में नरवा अभियान के तहत हुए कार्यो के संबंध में जानकारी देते हुए  मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम श्री विजय दयाराम के. बताते है कि शिवनीकला, बहनाखोदरा एवं शीतलपानी ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को सीधे लाभ मिलना प्रारंभ हो गया है तथा जल संरक्षण के अभियान का सकारात्मक परिणाम दिख रहा है । वर्तमान में जनवरी माह के अंत में लोटिया डबरी नाले में पानी बहुतायत से रूका हुआ है जो फरवरी एवं मार्च तक उपलब्ध होना संभावित है। जिसकी सहायता से ग्रामीणों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध है तथा रबी की फसल आसानी से ले रहे है। भू-जल स्तर में 6 से 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा सिंचींत क्षेत्र 196.6 हेक्टेयर से बढ़कर 241.59 हेक्टेयर हो गया है। परिणाम स्वरूप रबी एवं खरिफ के फसलों मे वृद्धि होगा तथा स्थानीय स्तर पर किसान सीधे तौर पर आर्थिक रूप से लाभान्वित होंगें। श्री विजय दयाराम के. ने आगे बताया की नरवा विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था जुड़ी हुई है क्योंकि किसानी कार्य के लिए पानी सहजता से उपलब्ध हो रहा है तथा साल के अतिरिक्त तीन महिने, जनवरी ,फरवरी एवं मार्च तक सिंचाई  उपलब्ध होने से स्थानीय किसान इसका लाभ ले सकेंगे साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा पहुँचेगा जो महत्वपूर्ण कारक है।

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