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8 से 10a हजार किमी का सफर तय कर छत्तीसगढ़ पहुंचते हैं प्रवासी पक्षी: Migratory birds reach Chhattisgarh after traveling 8 to 10a thousand km

पक्षी महोत्सव गिधवा परसदा में आये विशेषज्ञों ने बताया पक्षियों का महत्व
दुर्ग। बेमेतरा जिले के गिधवा परसदा में चल रहे पक्षी महोत्सव के दूसरे दिन विशेग्यो ने पक्षियों और उसके महत्व सहित पक्षियों का हमारे जीवन में महत्व को विस्तार से समझाया। पक्षी प्रेमियों और विशेषज्ञों ने गिधवा और पसरदा में आये पक्षियों का दर्शन किया। कार्यक्रम में सबसे पहले प्रोफेसर श्री हितेंद्र टंडन ने पक्षी और किसानों के बीच संबंध के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सैकड़ो वर्षो से पक्षी हमारे जीवन का हिस्सा हैं मुर्गे की बांग से किसान सुबह उठता और अपने दिन की शुरुआत करता था। मौसम का अनुमान भी किसान पक्षियों के आने से करते थे, देवभोग के एक गाँव मे जब-जब  पक्षी आये तब किसानों ने खेती प्रारम्भ करते हैं। बारिश के आगमन को पक्षियों के आगमन से जोड़ कर देखते हैं। उन्होंने बताया कि बगुला सबसे पहले किसानों के खेतों से कीट को साफ करता है, जैसे ही तालाब में पानी भरता है तो कीड़े मकोड़े के अंडे उपर आ जाते हैं उन्हें ये खाते हैं पहले कीटनाशक का पहला काम पक्षी करते हैं। वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य श्री मोहित साहू ने पक्षियों के प्रवास को विस्तार से समझाते हुए कहा कि रशिया चाइना उत्तरी ध्रुव के पास से 8 से 10 हजार किलोमीटर की दूरी तय करते हैं, रास्ते मे कई पर्वत आते हैं जिनको भी पार करके ये इंडोनेशिया मलेशिया तक जाते हैं। उन्होंने बताया कि भारत मे पक्षियों का प्रवास 3 मार्ग से होता है ,जिसमे सेंट्रल एशियन फ्लावे सबसे छोटा मार्ग है जिसमे लगभग 30देश आते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ पक्षी पहाड़ो के ऊपर से उड़ते है कुछ पहाड़ो के दरारो से निकलते हैं। कुछ पक्षी समुद्र की करीब से उड़ते हैं। डिमाइजल क्रेन और बार हेडेड गूस हिमालय के ऊपर से उड़ के आते हैं। 29 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ कर आते हैं।
उन्होंने इस क्षेत्र में देखे गए पक्षी ब्लैक टेल्ड गोडविट के बारे में बताया कि यह मात्र 11 दिनों में 12 हजार किलोमीटर की यात्रा करके प्रशांत महासागर के ऊपर उड़कर अलास्का से न्यूजीलैंड तक जाता है। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त पीसीसीएफ  श्री आर के सिंह ने ऐसे आयोजनों की निरंतरता और गाँव मे सामुदायिक सहभागिता पक्षियों के संरक्षण की बात कही साथ ही कहा कि स्कूल स्तर पर बच्चों को ये शिक्षा दिए जाने के सम्बंध में हमे विचार करने चाहिए। जशपुर वाइल्ड लाइफ वेलफेयर के  श्री सौरभ सिंग के द्वारा गिधवा परसदा में जल संरक्षण पर व्याख्यान दिया गया। बच्चों के लिए पेंटिंग और प्रश्रोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

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