न्याय के लिए अंतिम साँस तक भूख हड़ताल पर ही बैठेंगे शैलेश पाण्डेय
दुर्ग / 15 साल के भाजपा शासन और कथित भ्रष्टाचार के विरोध में प्रदेश की आम जनता ने कांग्रेस को पूर्ण बहुमत देकर विजयी बनाया, भाजपा के शासन के विरोध में भिलाई में ही भाजपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय के 25 साल के राजनैतिक जीवन पर विराम लगाते हुए 25 साल के युवा देवेन्द्र यादव को जीत दिलाई. कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सरकार ने अपने कई वादे पुरे किये किन्तु आज भी ऐसी कई बाते सामने आ ही जाती है जो आम जनता को सोंचने पर मजबूर कर देती है, कि क्या कोई बदलाव हकीकत में आया है या सिर्फ चुनावी वादे ही पूरा कर सरकार अब भी भर्ष्टाचार के खिलाफ जंग में कही पीछे है . दुर्ग जिला जो प्रदेश में एक व्ही आई पी. जिला के रूप में अपनी पहचान बना चुका है जिस जिले में मंत्रियो की एक लम्बी फौज निवास करती है जिस जिले में स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री का निवास स्थान है ऐसे जिले में ऐसी क्या बात हो गयी कि एक व्यक्ति को पिछले 18 दिनों से अकेले भूख हड़ताल करने की नौबत आ गयी . ये सच है कि पिछले 18 दिनों से भिलाई विधान सभा क्षेत्र के शैलेश पाण्डेय भूख हड़ताल पर बैठे है और सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे है , पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे है . विरोध कर रहे है उन व्यक्तियों का जो कभी पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय का करीबी बताया जा रहा है . दरअसल मामला है शैलेन्द्र पाण्डेय का जिनका निवास स्थान सेक्टर 05 सडक 14 है जिस स्थान पर शैलेन्द्र पाण्डेय का निवास है वहाँ से 600 मीटर की दुरी पर दुर्ग के लोकसभा सांसद विजय बघेल एवं भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव का निवास स्थान भी है . जाहिर सी है कि निवास स्थान करीब होने से शैलेन्द्र पाण्डेय ने विधायक एवं सांसद को भी अपनी पीड़ा बताई होगी, किन्तु ना ही सांसद की तरफ से कोई पहल हुई ना ही विधायक की तरफ से . मीडिया से बातचीत में शैलेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि अपनी पीड़ा और लिखित शिकायत उनके द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, आईजी, पुलिस अधीक्षक एवं पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय को भी दे चुके है किन्तु कही से न्याय की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है . पिछले 18 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे शैलेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता और जब तक जीवन है अंतिम साँस तक भूख हड़ताल पर ही बैठेंगे . मामला है पैसे के लेन देन का आज से छह साल पहले चारामा में रेत खदान के संचालन के नाम पर और पचास फीसदी की साझेदारी के नाम पर तात्कालिक मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय के निवास स्थान में मुन्ना पाण्डेय , गोल्डी सोनी , बसंत साहू से रेत खदान में इन्वेस्ट के नाम से 15 लाख रूपये का लेन देन हुआ . सारा लेन देन भिलाई क्षेत्र में हुआ किन्तु कार्य के परिणाम स्वरुप ना ही कार्य में हिस्सेदारी दी गयी और ना ही मूल रकम लौटाई गयी .शैलेन्द्र पाण्डेय का आरोप है कि मुन्ना पाण्डेय तात्कालिक मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय के ख़ास होने और कार्य की गारंटी देते हुए ये पैसे लिए किन्तु अब वापसी नहीं किया जा रहा है . इस मामले में पुलिस विभाग द्वारा भी जाँच में शिथिलता लाने का आरोप एवं मुन्ना पाण्डेय , गोल्डी सोनी , बसंत साहू को बचाने के प्रयास का आरोप लगाया जा रहा है . शैलेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि मामले की निष्पक्ष और जल्द से जल्द जाँच होनी चाहिए किन्तु राजनैतिक दबाव के आगे न्याय की उम्मीद नजर नहीं आ रही है . शैलेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि जब तक साँस है अंतिम पल तक न्याय के लिए जंग लड़ेंगे . अहिंसात्मक तरीके से अपने जंग का हथियार शैलेन्द्र पाण्डेय ने आमरण अनशन को चुना और आज लगभग 18 दिनों से सेक्टर 09 चौक पर आमरण अनशन पर बैठे है . जिला प्रशासन द्वारा प्रतिदिन उनके स्वास्थ्य का परिक्षण किया जा रहा है किन्तु क्या सिर्फ स्वास्थ्य परिक्षण से ही जिला प्रशासन की द्युतिपूर्ण हो जाती है . प्रदेश के व्हीआईपी जिले में एक अकेले व्यक्ति के आमरण अनशन को भी क्या जिला प्रशासन व सरकार हल्के में ले रही है या किसी बड़े राजनैतिक दबाव के चलते सब मौन है . क्या शैलेन्द्र पाण्डेय मामले की निष्पक्ष जाँच नहीं होनी चाहिए क्योकि मामले में प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय का भी अपरोक्ष रूप से नाम आ रहा है ऐसे भी जिला प्रशासन सहित पूर्व मंत्री को भी ये प्रयास करना चाहिए कि मामले की निष्पक्ष जाँच हो और जनता के सामने सच्चाई उजागर हो . प्रदेश सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों को भी मामले की निष्पक्ष जाँच जल्द से जल्द करानी चाहिए क्योकि मामला सिर्फ भिलाई का नहीं दुर्ग जिले का नहीं ऐसे जिले से सम्बन्ध रखता है जिस जिले में प्रदेश के मुखिया का आवास है , प्रदेश के गृह मंत्री का आवास है , प्रदेश के पी.एच.ई . मंत्री का आवास है . लोकतंत्र के चौथे स्तंभ होने के नाते जिला प्रशासन से यही अपेक्षा रखते है कि मामले का जल्द से जल्द पटाक्षेप हो और सच सबके सामने आये और दोषी सलाखों के पीछे चाहे वो दोषी कोई भी क्यों ना हो …