ठेकेदारों ने नहीं की अनुबंध की प्रक्रिया पूरी, निविदा निरस्त होने की जवाबदारी ठेकेदारों की -आयुक्त
दुर्ग/ नगर पालिक निगम दुर्ग में विकास और निर्माण कार्यों का निविदा लेकर अनुबंध नहीं करने, काम प्रारंभ नहीं करने, अधूरा काम करने और कार्य समय पर पूरा नहीं करने वाले ठेकेदारों पर कार्यवाही प्रारंभ कर दी गयी है। अब कोई भी विकास या निर्माण कार्य का ठेका लेना आसान नहीं होगा। उन्हे कार्य का ठेका लेने के साथ तत्काल अनुबंध व पूरा अमानत राशि कराना आवश्यक होगा।अन्यथा कार्य में देरी, निविदा का समय समाप्त होना, और निविदा निरस्त होने की सारी जवाबदेही उस ठेकेदार की होगी।
3 दिन का अंतिम समय, अनुबंध कर कार्य प्रारंभ करें–आयुक्त
निगम आयुक्त सुनील अग्रहरि के निर्देश पर निगम लोक कर्म विभाग ने विकास और निर्माण कार्यों के लिए निविदा लेकर अनुबंध नहीं करने और निविदा के समय जमा की जाने वाली एफडीआर की राशि की अंतर राशि जमा नहीं करने वाले ऐसे चार ठेकेदारों को अंतिम नोटिस दिया गया है। यदि नोटिस के बाद वे अनुबंध नहीं करते हैं तो निर्धारित समय के बाद निविदा स्वतः निरस्त हो जाएगी और इसकी जिम्मेदारी उस निविदा लेने वाले ठेकेदारों की होगी जिस पर नियमानुसार व शासन आदेशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएगा।
इन ठेकेदारों ने नहीं किया अनुबंध, अंतर राशि जमा
निगम में पंजीकृत मेसर्स महालक्ष्मी कंस्ट्रक्शन ने ई-टेण्डर के माध्यम से 7. 82 लाख की लागत से वार्ड 35 रामदेव मंदिर वार्ड में शीतला तालाब के पास सीमेन्टीकरण कार्य, बोरसी वार्ड 50 में 21.03 लाख से सीमेन्टीकरण, शहीद भगतसिंह वार्ड 19 में मुकुट नगर कृष्णा पान ठेला के पास से सीमेन्टीकरण कार्य का ठेका लिया है, इसी प्रकार मेसर्स प्रेमनारायण चंद्राकर 1.49 लाख की लागत से वार्ड 9 गिरधारी हरनाबांधा मुक्ति धाम में टीनशेड निर्माण, मेसर्स पाली सोना कन्ट्रक्शन ने पोटियाकला वार्ड 54 के कुन्दरापारा में नाली निर्माण, मनीष श्रीवास्तव ने कातुलबोर्ड वार्ड 60 में वाईके मकान से मुकेश चंद्राकर घर तक सीमेन्टीकरण निर्माण का ठेका लिया था । इन ठेकेदारों ने ठेका लेने के बाद अब तक अनुबंध नहीं किया गया है। इससे शासन स्तर पर निगम की छबि धूमिल हो रही है। 3 दिवस के अंदर एफडीआई की अंतर राशि व 100 रू के स्टाम्प पेपर पर अनुबंध हेतु प्रस्तुत करें। समयावधि पर स्टाम्प पेपर व अंतर राशि जमा नहीं करने पर ठेकेदार को निगम की आगामी निविदा में भाग लेने से वंचित किया जाएगा तथा निविदा के समय जमा की गई एफडीआर राशि को राजसात कर ली जाएगी ।