दो गांवों के बीच उपजे विवाद को जल्द समाप्त करने वनक्षेत्र का हो पट्टा व बंटवारा
के शशिधरण
कोंडागांव/केशकाल। कोंडागांव जिले के केशकाल वनमंडल के बड़ेराजपुर वनपरिक्षेत्र में बड़े पैमाने पर हुए अवैध कटाई के बाद सुर्खियों में आये ग्राम कोलियाबेडा के ग्रामवासियों ने अपनी उपेक्षा की बात कहते हुए ग्राम वन प्रबंधन समिति गठित कराने एवं गांव वालों के द्वारा देखरेख किए जा रहे वनक्षेत्र का पट्टा प्रदान करने और विविदास्पद वनक्षेत्र का बंटवारा कर ग्राम सालेभाट वासियों से उपजे विवाद का निराकरण कराने की अपनी इच्छा व्यक्त किया।
ग्रामपंचायत सिकागांव के अंतर्गत आने वाले 45 घर के आदिवासी बाहुल्य ग्राम कोलियाडिह वालों का कहना है कि हमारे गांव से सटे हुए जंगल का हम लोग शुरू से ही अपने बाप दादा के जमाने से देख रेख एवं सुरक्षा करते उसी से अपनी निस्तारी करते आ रहे हैं। जंगल सुरक्षित रहे इसलिए हम लोग पिछले कई वर्ष से हम पूरे गांव वाले मिलकर जंगल चौकिदार रखे हुए हैं जिसको पारिश्रमिक बतौर हर घर से अनाज देते हैं। जिस जंगल का देख देख हमारे बाप दादा करते रहे और अब उसकी देख देख सुरक्षा हम कर रहे हैं। उसका सामुदायिक वन संशाधनो के लिए हक हमें वन विभाग द्वारा अभी तक नहीं दिया गया है। हम लोग चाहते हैं कि वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी हमारे वनक्षेत्र में आकर सीमा निर्धारण करके हमारे गांव का भी अन्य स्थानों पर दिए जा रहे सामुदायिक वन संशाधनो के लिए हक प्रमांण पत्र बनाकर दे दें। पहले हमारे गांव में ग्राम वन सुरक्षा समिति था परन्तु पिछले कुछ साल से वन सुरक्षा प्रबंधन समिति का गठन नहीं कराया जा रहा है। इसलिए हम चाहते हैं की वन विभाग विधिवत हमारे गांव में भी ग्राम वन प्रबंधन समिति गठित करवा देवे। इसके अलावा वनविभाग वालों के उपेक्षात्मक रवैय्ये के चलते वनक्षेत्र को लेकर हमारे गांव और हमारे पड़ोसी गांव सालेभाट वालों के बीच अनावश्यक विवाद उत्पन्न हो गया है जो न हमारे हित में है न उनके ही हित में है। हम लोग आपस में मिल जुलकर प्रेम व्यवहार से रहना चाहते हैं। हम लोग चाहते हैं की वन विभाग के अधिकारी वनक्षेत्र को लेकर उपजे विवाद का सर्वमान्य हल निकलवा दें जिससे हम दोनों गांव वालों के बीच कोई विवाद न रहे और हम आपस में भाईचारा के सांथ रहते एक दूसरे के सुख दुख में भागीदार बन सकें।
उल्लेखनीय है कि 45 घर परिवार वाले गांव कोलियाबेडा और 180 घर परिवार वाले ग्राम सालेभाट वासियों के बीच दोनों गांव से सटे हुए वनक्षेत्र को लेकर मतभेद उत्पन्न हो गया है जो कटाई के बाद बहुत बढ़ गया है। दोनों गांव वालों के बीच बढ़ता तनाव तकरार भविष्य में और घातक हो सकता है इसलिए दोनों गांव वालों के बीचे उपजे विवाद का निराकरंण कराया जाना दोनों ही ग्रामवासियों के हित में जरूरी समझा जा रहा है। जिसकी तरफ वन विभाग एवं जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन के सक्षम अधिकारियों को समय रहते गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।