छत्तीसगढ़

गौठान की जमीन पर कुछ ग्रामीणों ने किया कब्जा, हटाने गाँव पहुंचे एसडीएम व तहसीलदार)

 

परपोड़ा की प्रस्तावित गौठान में बने बेजा कब्जा हटाने गांव पहुंचे प्रशासनिक अमला, अतिक्रमणकारियों को सख्त सन्देश

परपोड़ा:- बेरला विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम परपोड़ा में प्रस्तावित गौठान निर्माण भूमि पर बने बेजा कब्जा को हटाने विगत शुक्रवार को बेरला अनुविभाग व तहसील स्तर के अधिकारी गांव पहुंचे।जहां पर गांव के इस बहुचर्चित अतिक्रमण के मामले पर सरपँच-सन्तोषी डोमन साहू एवं पंचायत प्रशासन के माध्यम से अतिक्रमण को हटाया गया।जिससे अब गांव में एक तरफ खुशी का माहौल है तो दूसरी तरफ अन्य अतिक्रमणकारियों में डर व भय बन गया है।
जानकारी के मुताबिक बेरला जनपद अंतर्गत ग्राम परपोड़ा पूरे बेमेतरा ज़िले में सर्वाधिक रकबे की जमीन वाला गांव है।इस गांव में गौठान प्रस्तावित शासकीय जमीन पर विगत दशकों से कुछ अतिक्रमणकारियों का कब्जा रहा है।जिसकी पूर्ववर्ती पंचायत प्रशासन के कार्यकाल मे ढेरो शिकायत एवं उसके सम्बंध में कब्जा हटाने नोटिस दी गयी।बावजूद इसके कुछ भू-कब्जेधारियों के हौसले बुलंद थे।जिस पर वर्तमान पंचायत प्रशासन के कार्यकाल में पुनः ग्राम सभा में कब्जा हटाकर गौठान बनाने की प्रस्ताव 7 मई को पारित हुई।जिसके सम्बंध में तीन बार अलग अलग तारीखों में 12 जुलाई, 18 नवम्बर व 13 दिसम्बर को स्थानीय ग्रामीण थानुराम साहू व लालाराम साहू को नोटिस भी जारी की गयी।जिसके बावजूद अतिक्रमणकारियों ने इसकी परवाह न कर अपने अतिक्रमण को नही हटाया।फिर अन्ततः विधायक तक मामले पहुंचने से ज़िला कलेक्टर के आदेश पर गाँव मे कब्जा हटाने बेरला एसडीएम- सन्दीप ठाकुर, तहसीलदार-हीरा गवर्णा, नायब तहसीलदार- रविन्द्र कुर्रे एवं पटवारी,आरआई पहुंचे।जहाँ सवेरे से अतिक्रमण को सूचना देकर उनके जरूरी उपयोगी सामानों व उपकरणों की पंचनामा बनाकर सम्बंधित व्यक्ति एवं ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दिया।वही कब्जे के पूरे क्षेत्र की जानकारी स्थानीय सरपंच एवं पटवारी से लेकर जेसीबी के माध्यम से भू समतल करा दिया गया।जिसमें अब सरकार की महत्वाकांक्षी योजनान्तर्गत गौठान का निर्माण किया जाएगा।

मामले को गम्भीरता को देखते गांव पहुंची पुलिस की टीम

चूंकि गांव के अतिक्रमण का मामला काफी पुराना व विवादित रहा है।इसके चलते सुरक्षागत दृष्टिकोण से बेरला अनुविभागीय अधिकारी ममता देवांगन स्वयं घटनास्थल पर स्टॉफ के साथ पहुंची।वही स्थानीय देवकर चौकी के प्रभारी बीआर ठाकुर भी पूरे स्टॉफ के साथ दिनभर डटे रहे।साथ ही अतिक्रमण हटाने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी ली।हालांकि थोड़ी बहुत बहस जरूर हुई परन्तु किसी तरह का कोई अप्रिय घटना नही हुई।

चूंकि शासन-प्रशासन द्वारा मेरे मकान को तोड़ा गया है तो अब हमारे व्यवस्था की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है।किसी तरह की अप्रिय घटना होने पर शासन-प्रशासन जिम्मेदार होंगे।
थानुराम साहू
(अतिक्रमण हटाये जाने से प्रभावित)

चूंकि गांव के शासकीय जमीन पर दशकों से कुछ लोग अतिक्रमण कर बैठे थे, जिन्हें ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर प्रशासन द्वारा हटाया गया।यह अच्छा कदम है अब अन्य अतिक्रमणकारियों के हौसले पस्त होंगे।
*बलदाऊ वर्मा
(ग्रामीण परपोड़ा)

दरअसल पूर्ववर्ती कार्यकाल में पंचायत द्वारा गौठान निर्माण हेतु उक्त जमीन को प्रस्ताव में लिया गया था,जिस दौरान किसी कारणवश न हट पाने वर्तमान में नया प्रस्ताव  लाकर प्रशासन के सहयोग से हटवाया गया।
डोमन साहू
(सरपंच प्रतिनिधि एवं उपसरपँच-ग्राम पंचायत परपोड़ा)

मामला बहुचर्चित अतिक्रमण का है।उक्त जमीन पर कब्जे को लेकर पंचायत द्वारा प्रस्ताव दिया गया जिसके तहत एसडीएम व तहसीलदार जी की उपस्थिति में कब्जा खाली कराया गया।
रविन्द्र कुर्रे
(नायाब तहसीलदार बेरला)

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