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पखवाड़े भर बाद भी नही हो सका खुड़मुड़ा हत्याकांड का खुलासा, Even after a fortnight, the Khurmuda massacre could not be revealed

भिलाई / पखवाड़ा बीत गया, पर खुड़मुड़ा हत्याकांड का खुलासा नहीं हो सका। पुलिस की जांच टीमें हर एंगल से मामले के खुलासे के लिए लगी हुई है, पर नतीजा अब तक सिफर रहा है। पुलिस की जांच टीमों के बीच तालमेल नहीं होने की चर्चा वारदात के बाद से ही बनी हुई है। जांच की पल-पल बदलती रणनीति से भी उलझन की स्थिति बनने की चर्चा है। दुर्ग जिले के अमलेश्वर थाना क्षेत्र के खुड़मुड़ा गांव में 21 दिसंबर को हुई एक ही परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या के आरोपी का कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है। इस हत्याकांड को सुलझाने में पुलिस की कई टीमें दिन और रात एक किए हुए हैं। आरोपी का सुराग लगाने सादी वर्दी में पुलिस के ऐसे मामलों में विशेषज्ञ माने जाने वाले अधिकारी और जवान आसपास के इलाके में डटे हुए हैं। परिवार के लोगों से भी संभावनाओं के तहत अलग-अलग एंगल में पूछताछ की जा चुकी है। बावजूद इसके न तो पुलिस को आरोपी के बारे में कोई सुराग मिल पाया है और न ही वारदात की वजह को लेकर पुलिस किसी नतीजे पर पहुंच सकी है। पखवाड़े भर बाद भी इस हत्याकांड की स्थिति जहां से शुरू हुई थी वहीं पर थमी हुई है। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी सरगर्म है। एक चर्चा यह भी है कि अलग-अलग काम कर रही पुलिस की जांच टीमों के बीच  तालमेल नहीं बन पाने से मामले के तह तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। जाचं टीमों के द्वारा अपनी अंजाम दी गई गतिविधियों से किसी एक के बजाए अलग-अलग अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। लेकिन जांच टीमों से वारदात के खुलासों की संभावनाओं के तहत दी जा रही बिन्दुवार जानकारियों की सामूहिक रूप से समीक्षा नहीं होने की बातें छनकर सामने आ रही है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि खुड़मुड़ा हत्याकांड का खुलासा करने पुलिस में सामूहिक प्रयास के बजाए श्रेय लेने की होड़ में एकला चलो की नीति भारी पड़ रही है।खुड़मुड़ा हत्याकांड के खुलासे में हो रही देरी के पीछे पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों की पल-पल बदलती रणनीतियों को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। बताते है वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक तो जांच के प्रगति की सामूहिक रूप से समीक्षा के प्रति गंभीरता नदारद है। दूसरी तरफ पहले से दिए गए बिन्दुओं की जांच के किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही पुलिस टीमों को नई रणनीति में काम करने का निर्देश दिया जा रहा है। जांच में पल-पल बदलती रणनीति से अपनी जिम्मेदारी को अंजाम दिलाने के प्रयास में जुटी पुलिस की अलग-अलग टीमों को उलझन भरी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब रहे कि 21 दिसंबर को खुड़मुड़ा में बालाराम सोनकर, उसकी पत्नी दुलारी बाई, पुत्र रोहित सोनकर और पुत्रवधु कीर्तिन बाई की नृशंस तरीके सेे हत्या कर दी गई थी। इस घटना में परिवार का 11 वर्षीय दुर्गेेश सोनकर घायल हो गया था। जिससे पूछताछ के बाद पुलिस ने संदेही का अलग-अलग स्केच बनाकर उस तक पहंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने आरोपी का सुराग बताने वालों के लिए भी नगद ईनाम घोषित कर रखा है।

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