छत्तीसगढ़

कोरोनाकाल मे सुविधाओं को तरसता रहा दिव्यांग ऑफिस ऑफिस चक्कर लगाने के बाद हताशा के अंधकार मे, अधिकारियों को सुधि नहीं,

 

-कोरोनाकाल मे सुविधाओं को तरसता रहा दिव्यांग ऑफिस ऑफिस चक्कर लगाने के बाद हताशा के अंधकार मे, अधिकारियों को सुधि नहीं,

 

एंकर:-दिव्यांगो के लिए सरकार के द्वारा भले कई योजना बना हो पर जमीनी हकीकत देखें तो आज भी अपने बेहाल जिन्दगी पर आंसू बहाने को मजबूर हैं,
हम बात कर रहे हैं नवनिर्मित जिला गौरेला पेड्रा मरवाही के ग्राम सिवनी के दिव्यांग हरदेव प्रसाद केवट की,जो 100प्रतिशत अस्थिबाधित दिव्यांग है,जो कोरोनाकाल के लाकडाउन में राशनकार्ड, शौचालय,और बैटरी चलित रिक्शा के लिए आफिस आफिस चक्कर काटने को मजबूर रहा पर उसे नाकामयाबी और हताशा के कुछ भी हासिल नहीं हुआ,
दिव्यांग हरदेव प्रसाद के पिता पुरुषोत्तम केवट टीबी के मरीज है,बहन लीला केवट भी पैर से दिव्यांग है,किसी तरह मेहनत मजदूरी अपना जीवकापार्जन करते हैं

दिव्यांग हरदेव प्रसाद के परिवार की बद से बदतर स्थिति को देखकर भी सक्षम अधिकारी असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं,किसी प्रकार की कोई सुधि नहीं ले रहे हैं,

गौरतलब है कि नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही क्षेत्र के लिए विकास का खजाना खोल दिया गया है, विकास की गंगा लगातार बहाया जा रहा है, पर विकास की उस गंगोत्री का पानी उस दिव्यांग हरदेव प्रसाद के घर तक नहीं पहुंचा, अब देखने वाली बात यह होगी कि आला सक्षम अधिकारी कुंभकरण की नींद से कब जागते हैं,

बाइट 01दिव्याग हरदेव प्रसाद केवट

बाइट 02 नारद मांझी सीओ जनपद पंचायत मरवाही

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