छत्तीसगढ़

विशेष पूजा अर्चना आज अन्नपूर्णा जयंती पर होगी

विशेष पूजा अर्चना आज अन्नपूर्णा जयंती पर होगी
अजय शर्मा सब का संदेश ब्यूरो
जांजगीर शिवरीनारायण स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में 30 जनवरी को मां अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी इस दौरान सुबह विधि विधान से मां की पूजन अर्चना की जाएगी।जिले में मां अन्नपूर्णा के इस एकमात्र मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं में अटूट आस्था है और क्षेत्र व कुवार नवरात्रि में यहां मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाते हैं।अगहन माह की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष मां अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है इस वर्ष 30 जनवरी को मां की जयंती मनाई जाएगी मंदिर के पुजारी पंडित विशेश्वर नारायण द्विवेदी का कहना है कि मां अन्नपूर्णा यहां सतयुग से विराजित है अन्नपूर्णा जयंती के दिन सुबह षोडशोपचार पूजन किया जाएगा।इसके लिए तैयारी हो गई है हर माह की पूर्णिमा को मां पूर्णा की विशेष पूजा होती है मगर उनकी जयंती की पूर्णिमा पर विशेष पूजा अर्चना कर प्रसाद वितरण किया जाता है श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करने भी पहुंचते हैं नगर में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के संबंध में इतिहास के जानकार प्रोफेसर अश्वनी केसरवानी बताते हैं कि त्रेता युग में भगवान राम जब लंका पर चढ़ाई करने जा रहे थे तब उन्होंने मां पूर्णा की आराधना करके अपनी वानर सेना की भूख को शांत करने की प्रार्थना की थी।तब मां अन्नपूर्णा ने सबकी भूख को शांत ही नहीं किया बल्कि उन्हें लंका विजय का आशीर्वाद भी दिया। इसी प्रकार द्वापर युग में पांडवों ने कौरवों से युद्ध शुरू करने के पूर्व मां पूर्णा से सब की भूख शांत करने और अपनी विजय का वरदान मांगा था।मां अन्नपूर्णा ने उनकी मनोकामना पूरी करते हुए उन्हें विजय का आशीर्वाद दिया था। सृष्टि के आरंभ में जब स्वीकार निचला भाग जल मग्न था तब हिमालय क्षेत्र में भगवान नारायण बद्री नारायण के रूप में विराजमान थे।कालांतर में जल स्तर कम होने और हिमालय क्षेत्र बर्फ से ढक जाने के कारण भगवान नारायण सिंदूर गिरी क्षेत्र के सबरी नारायण में विराजमान हुए।यहां उनका गुप्त वास होने के कारण शिवरीनारायण गुप्त तीर्थ के रूप में विख्यात हुआ।

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