छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

निगम ने फिर शुरू की आवारा पशुओं की धरपकड़

जुलाई से लेकर अब तक पकड़े गए 374 आवारा पशु
पशुओं को छुड़ाने के एवज में 53875 रुपए का मिला राजस्व
भिलाई।  नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्रांतर्गत निगम की टीम सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों को पकडऩे का कार्य कर रही है। नेशनल हाइवे, नेहरू नगर रोड, घड़ी चौक से डॉ राजेन्द्र प्रसाद चौक, कोहका रोड, लक्ष्मी मार्केट का निरीक्षण कर दो दिनों में 10 मवेशियों को पकड़कर भिलाई नगर स्थित शहरी गौठान ले जाकर छोड़ा गया। जोन 01 के राजस्व विभाग की टीम ने मुख्य सड़कों, बाजार क्षेत्रों में घूम रहे आवारा पशुओं की धरपकड़ की कार्यवाही किए। आकाशगंगा और लक्ष्मी मार्केट एरिया में घूम रहे गाय और सांड को पकडऩे की कार्रवाई की। साथ ही आसपास के डेयरी संचालको को अपने मवेशियों को बांध कर रखने की समझाइश दी गई! पशुओं को पकडऩे के लिए खास तौर पर तैयार किए गए वाहन का उपयोग किया जा रहा है जिसकी मदद से आसानी से पशुओं को उठा कर दूसरे वाहन में शिफ्ट किया जाता है! निगम की टीम पशुपालकों से अपने मवेशी के चारा-पानी सहित समुचित व्यवस्था स्वयं करने कह रहे हैं! सड़कों पर आवारा नहीं छोडऩे की समझाइश दे रहे हैं! निगमायुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने निगम के अधिकारी/कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि निगम क्षेत्र में विचरण करने वाले आवारा पशुओं की धरपकड़ नियमित रूप से करें। इसके पूर्व निगम प्रशासन द्वारा रोका-छेका अभियान के तहत पशु मालिकों को अपने मवेशी की सुरक्षा स्वंय करने, चारा, पानी की समुचित व्यवस्था करने, आसपास के खेतो/ फसलों में पालतू मवेशियों का प्रवेश रोकने हेतु संकल्प पत्र भराये थे, ताकि सड़कों पर बेवजह घूमने वाले आवारा मवेशियों पर रोक लग सके। नई उड़ान की अध्यक्ष रेखा बघेल ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जुलाई से अब तक 374 मवेशी पकड़े जा चुके है, जिनमें से 335 गाय और 39 भैंस शामिल है! 117 से अधिक मवेशियों को पशुपालकों द्वारा दांडिक शुल्क जमा कर छुड़ाकर ले जा चुके है। छुड़ाने के एवज में 53875 रुपए प्राप्त हुआ है! गाय और भैंस छुड़ाने के लिए प्रतिदिन 625 रुपए तथा चारा के लिए 100 रुपए का चार्ज लिया जाता है इस प्रकार से 725 रुपए प्रतिदिन चार्ज किया जाता है! इसी प्रकार से छोटे बछड़े के लिए 350 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है! सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशु जो यातायात में बाधक बन कर दुर्घटना का कारण बनते हैं जिससे होने वाली दुर्घटना में पशुधन एवं जनधन दोनों की हानि होती है। निगम की अपील है कि इससे बचने के लिए पशुपालक अपने पालतू मवेशियों को सड़कों पर आवारा घूमने न दें।

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