छत्तीसगढ़

पानी के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान, 24 घंटे मिलेगा शुद्ध पानी

पानी के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान, 24 घंटे मिलेगा शुद्ध पानी’
नारायणपुर 29 दिसम्बर 2020 – नारायणपुर जिले के अंतिम छोर पर बसे गांव टहाकावाड़ा, काकावाड़ा, लंका, कोडेनार, हांदावाड़ा, गोमे, आदपाल, कोडहेर, धुरबेड़ा इत्यादि ऐसे अन्य 30 से अधिक ग्रामों में हाल ही में कोरोनाकाल के बावजूद शुद्ध पेयजल व्यवस्था हेतु सोलर ड्यूल पंप संयंत्र स्थापित किए गए हैं। हाल ही में कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह कुछ दिनों पूर्व ग्राम करकानार के ग्रामीणों की समस्या से अवगत हुए तथा गांव वालों ने स्वच्छ पेयजल की समस्या से कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह को अवगत कराया था। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने ग्रामीणों की समस्या पर त्वरित संज्ञान लेते हुए क्रेडा विभाग को निर्देशित किया था। जिससे अब ग्राम करकानार में भी सोलर पंप के माध्यम से 5000 लीटर का पानी टंकी स्थापित किया गया है। यह सोलर ड्युल पंप गांव के लोगों को 24 घंटा स्वच्छ पेयजल प्रदान करेगा। सौर ऊर्जा आधारित पानी टंकी लगने से गांव वालों की मूलभूत पेयजल समस्या का समाधान हुआ। जिसके लिये ग्रामीणों ने कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह एवं जिला प्रशासन नारायणपुर का आभार व्यक्त किया। यह समस्या विगत कई वर्षों से थी। गांव में गिने-चुने एक दो हैण्ड पंप थे। जिससे गांव वालों को सतत शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। गांव में अब पानी टंकी लगने से लोगों में खुशी का माहौल है। अब 24 घंटे पानी की आपूर्ति हो रही है।
पानी की समस्या दूर करने अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा नारायणपुर द्वारा कोरोनाकाल में भी सोलर ऊर्जा के माध्यम से चलित 30 नग से अधिक ड्यूल पंप लगाया गया है। कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान भी जिले में विभिन्न स्थानों पर ऐसे सौर ऊर्जा चलित ड्यूल पंप लगाए जा गये हैं जिससे इन ग्रामीण बसाहटों में लोगों को पानी की 24 धंटे उपलब्धता बनी रहेगी।
’विशेष योजनांतर्गत 30 सोलर ड्यूल पंपों का किया गया स्थापना कार्य’
विभिन्न पंचायतों में सोलर ड्यूल पंप लगाने के लिए जिला प्रशासन के निर्देशानुसार क्रेडा नारायणपुर द्वारा प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। विशेष योजना में स्वीकृति मिलने के पश्चात विभिन्न ग्रामों व नगरीय क्षेत्र के 30 स्थलों में क्रेडा द्वारा सोलर ड्यूल पंप स्थापित किया गया है जिसे चलाने के लिए ग्राम पंचायतों व वार्डों को हर महीने बिजली का बिल भरना नहीं पड़ेगा।  प्रत्येक सोलर ड्यूल पंप में 05 साल की वारंटी अवधि होती है तथा स्थापना कार्य में 5 लाख 68 हजार का कुल व्यय होता है। वारंटी अवधि के बाद भी सोलर ड्यूल पंपों की कार्यशीलता कई सालों तक सामान्यतः बाधित नहीं होती है। स्थापना उपरांत सोलर ड्यूल पंप संयंत्रों को संबंधित ग्राम/नगर पंचायत को हस्तांतरित किया जाता है जिसकी सुरक्षा व रखरखाव की संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित ग्राम/नगर पंचायत की होती है। किसी भी तकनिकी खराबी के सुधार कार्य हेतु सुचना मिलने उपरांत अथवा मासिक मानिटरिंग अंतर्गत क्रेडा विभाग द्वारा तत्काल उक्त क्लस्टर अंतर्गत संबंधित तकनीशियनों के माध्यम से संयंत्र का सुधार कार्य करने की कार्यवाही की जाती है।
’जल जीवन मिशन योजनांतर्गत 21 सोलर ड्यूल पंपों का हो रहा है स्थापना कार्य’
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहयोग से नारायणपुर जिले में 21 स्थलों में सोलर ड्यूल पंपों का स्थापना कार्य किया जा रहा है। जिसमें संबंधित ग्राम पंचायत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और क्रेडा विभाग के गठित संयुक्त समिति के सदस्यों द्वारा ग्रामों में स्थल चयन कर सोलर ड्यूल पंपों का स्थापना कार्य किया जा रहा है। जल जीवन मिशन योजना के तहत नारायणपुर जिले में पहली बार 12 मीटर अथवा 9 मीटर ऊंचाई के सोलर ड्यूल पंप संयंत्रों का स्थापना कार्य किया जा रहा है, जिससे ग्रामों में अधिक से अधिक दूरी तक बसे परिवारों तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा स्थापित पाईप लाईन सप्लाई के माध्यम से जल प्रदाय कार्य किया जा सके।
’ऐसे काम करता है सोलर ड्यूल पंप?’
क्रेडा विभाग के अनुसार प्रत्येक सोलर ड्यूल पंप के स्ट्रक्चर की उंचाई आवश्यकता अनुसार 4.5 मीटर, 06 मीटर, 09 मीटर अथवा 12 मीटर रहती है। जिसकी कुल क्षमता क्रमशः 600 अथवा 900 अथवा 1200 वाट तक की होती है। जिसमें 300 वाट क्षमता के क्रमशः 02 अथवा 03 अथवा 04 पेनल लगे होते हैं। जिसमें क्रमशः 0.5 एच.पी. अथवा 01 एच.पी. अथवा 1.5 एच.पी क्षमता की सबमर्सिबल पंप बोरवेल में स्थापित की जाती है जो सूर्य के प्रकाश से सौर पेनल और चार्ज कंट्रोलर के माध्यम से चलती होती है और 5000 लीटर अथवा 10000 लीटर क्षमता के ओवरहेड टैंक को भरती हैं। 
जिससे सनलाइट के वक्त तो भरपूर पानी मिलता ही है, रात में भी टंकी में स्टोरेज पानी रहता है जिससे रात के समय भी यहां लोगों को पानी मिलता ही रहेगा। ओवरहेड टैंक में फ्लोटींग स्वीच भी लगी होती है जो कि कंट्रोलर से कनेक्ट रहती है, जैसे ही टैंक में एक निश्चित सीमा तक जल भराव होता है, सबमर्सिबल पंप आटोमेटिक बंद हो जाती है। जिससे ओवरफ्लो नही होता है और पानी की बचत होती है। कंट्रोलर में मेनुअल आन आफ स्वीच भी होता है जिसके माध्यम से संयंत्र बंद चालू करने का प्रशिक्षण स्थापना कार्य के समय ग्रामीणों को दिया जाता है।
सोलर एनर्जी से चलने वाले इन ड्यूल पंपों के सहारे गर्मी के दिनों में भी लोगों को 24 घंटे भरपूर पानी मिलेगा। 
क्रेडा के जिला प्रभारी रविकांत भारद्वाज ने बताया कि सोलर एनर्जी से चलने वाले इन ड्यूल पंपों को चलाने के लिए बिजली की कोई जरूरत नहीं होती। जिसके कारण पानी मिलने के बाद भी हर महीने हजारों यूनिट बिजली भी बचेगी।

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