*पखांजूर आंदोलनः कड़ाके की ठंड में खुले आसमान तले फ़रियाद
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*पखांजूर आंदोलनः कड़ाके की ठंड में खुले आसमान तले फ़रियाद*
सबका सँदेश कान्हा तिवारी –
पिछले तीन दिनों से बीएसएफ कैंप को हटाने की मांग को लेकर एक सौ तीन ग्राम पंचायतों के हजारों लोग पखांजूर मुख्यालय में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां पर दिन में लोग भाषण दे रहे हैं, सुन रहे हैं, गीत गा रहे हैं और जितना संभव हो रहा है, सरकार को कोस रहे हैं।
*खुले आसमान में रात बिताने को मज़बूर*
शीत लहर के बीच यहां पर रात में बहुत ज्यादा ठंड है तो लोग देर रात तक अलाव जलाकर आग सेंकते हैं और फिर किसे कब नींद आ जाती है, उन्हें पता ही नहीं चलता।
हजारों की संख्या में अपना घर छोड़ आंदोलन में शामिल होने आए लोग पेड़ के नीचे सो रहे हैं। और कुछ लोग धरनास्थल पर टेंट के नीचे सो रहे हैं। ये सभी लोग अपने साथ खाने-पीने का सामान अपने घर से ही लाए हैं ताकि आंदोलन खत्म होने तक भूखे पेट नहीं रहना पड़े।
गांवों से ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर पैरा और दरी बिछाकर पहुंचे आदिवासी समुदाय के लोग जंगल की लकड़ी से अपने लिए खाना पका रहे हैं। और सभी मिलजुलकर भोजन करते हैं।
एक ग्रामीण युवक का कहना है कि हम लोग जन प्रतिनिधि चुनकर संसद और विधानसभा में भेजे हैं, लेकिन हमारे जन प्रतिनिधि किसी लायक़ नहीं हैं। इलाके के बीजेपी सांसद मोहन मंडावी, कांग्रेसी विधायक अनूप नाग और कलेक्टर-एसपी को धरनास्थल पर बुला रहे हैं मगर बीते तीन दिन से अभी तक कोई नहीं आया है।