छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

दुर्ग-भिलाई भाजपा अध्यक्षों की ताजपोशी के बाद भी पुरानी स्थिति यथावत

सोशल मीडिया में दिख रही भाजपा की गुटबाजी

संगठन के भिलाई व दुर्ग में नई नियुक्ति के बाद भी हालात यथावत

सरोज गुट अध्यक्ष तो विजय समर्थक दे रहे महामंत्रियों को बधाई

भिलाई। दुर्ग-भिलाई में नये भाजपा अध्यक्षों और महामंत्रियों की ताजपोशी के बाद भी पुरानी स्थिति यथावत है।  इन दिनों सोशल मीडिया में भाजपा में नई नियुक्ति को लेकर डाले जा रृहे भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं के पोस्ट में भी इस बात का प्रमाण मिल रहा है कि  संगठन के भिलाई और दुर्ग जिले में भाजपा में गुटबाजी की दरार मिटने का नाम नहीं ले रही है। सोशल मीडिया में भाजपा का सरोज गुट अध्यक्ष को तो विजय बघेल समर्थक महामंत्रियों को बधाई प्रेषित कर रहे हैं।

लंबे इंतजार के बाद भाजपा के भिलाई और दुर्ग संगठन जिलों के अध्यक्ष के साथ महामंत्रियों की नियुक्ति रविवार को कर दी गई है। भिलाई जिले का अध्यक्ष वीरेन्द्र साहू तथा महामंत्री शंकर लाल देवांगन को बनाया गया है। वहीं दुर्ग जिले से पूर्व महापौर डॉ शिवकुमार तमेर को अध्यक्ष और ललित चंद्राकर को महामंत्री का पद दिया गया है। इस नियुक्ति की जानकारी मिलते ही भाजपा के स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं में नये जिला अध्यक्ष व महामंत्रियों को सोशल मीडिया में बधाई देने का सिलसिला चल पड़ा है।

खास बात है कि सोशल मीडिया में नये पदाधिकारियों को दी जा रही बधाई संदेश में बड़े नेताओं की आपसी गुटबाजी की झलक साफ नजर आ रही है। संगठन के दोनों जिला अध्यक्ष वीरेन्द्र साहू व डॉ शिवकुमार तमेर को राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडेय खेमे से बधाई मिल रही है। इस खेमे के भाजपाई दोनों नवनियुक्त महामंत्रियों को बधाई देने से परहेज करते नजर आ रहे हैं। ऐसी ही झलक लोकसभा सांसद विजय बघेल के समर्थकों के सोशल मीडिया में अपलोड ताजातरीन पोस्ट में नजर आने से यह कहना गलत नहीं होगा कि नई नियुक्ति के बावजूद भाजपा की गुटबाजी में विराम नहीं लग पाया है।

दरअसल भिलाई व दुर्ग जिला भाजपा संगठन में महामंत्री बनाये गए लखन लाल देवांगन और ललित चंद्राकर को लोकसभा सांसद विजय बघेल का करीबी माना जाता है। विजय बघेल समर्थकों का सोशल मीडिया पर सिर्फ दोनों महामंत्रियों को बधाई दिए जाने से यह स्वत: ही स्पष्ट हो रहा है। गौरतलब रहे कि लगभग डेढ़ साल पहले संगठन चुनाव के तहत भाजपा में भिलाई व दुर्ग जिले के बूथ व मंडल अध्यक्षों की घोषणा हुई थी। इस प्रक्रिया में सारे के सारे पदों पर सुश्री सरोज पांडेय के समर्थकों का चुनाव करते हुए विजय बघेल, पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय और विधायक विद्यारतन भसीन के समर्थकों को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया गया था। इसके विरोध में सांसद विजय बघेल खुलकर सामने आ गए थे। श्री बघेल को प्रेमप्रकाश पांडेय, विद्यारतन भसीन व पूर्व मंत्री रमशीला साहू का भी समर्थन मिला। अंतत: प्रदेश संगठन ने दोनों जिलों के अध्यक्ष पद पर घोषणा को स्थगित कर दिया था।

कुछ दिन पूर्व भाजपा की राज्य संगठन प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितीन नवीन के प्रदेश दौरे के समय भिलाई व दुर्ग संगठन जिलों के अध्यक्षों की नियुक्ति शीघ्र होने की घोषणा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने की थी। बताते हैं इसके बाद सरोज व विजय गुट में अपने समर्थक को पद दिलाने खींचतान मची रही। अंतत: दोनों संगठन जिला में अध्यक्ष पद सरोज तथा महामंत्री का पद विजय बघेल समर्थकों को देते हुए गुटबाजी पर विराम लगाने की एक तरह से प्रदेश संगठन की ओर से कोशिश हुई है। लेकिन जिस तरीके से सोशल मीडिया में अपने-अपने गुट से जुड़े पदाधिकारियों को बधाई दी जा रही उससे तो गुटबाजी को लेकर हालात यथावत नजर आ रहा है।

कार्यकारिणी गठन में मचेगा घमासान

जिला भाजपा अध्यक्ष और महामंत्री के अलग-अलग खेमे से बनने का असर कार्यकारिणी गठन में पडऩे की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर भी घमासान मच सकता है। बड़े नेताओं में आज भले ही भिलाई-दुर्ग के भाजपाई गुटबाजी को साध लेने की राहत देखने को मिल रही है। लेकिन कार्यकारिणी गठन के दौरान अध्यक्ष और महामंत्री के बीच दोनों संगठन जिलों में टकराव की स्थिति बनने की पूरी संभावना है। इसे रोकना प्रदेश संगठन के लिए चुनौतीपूर्ण बन सकता है। वहीं आने वाले दिनों में भाजयुमो और महिला मोर्चा सहित अन्य प्रकोष्ठ के जिला व मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है। इसे लेकर भी सरोज व विजय गुट फिर से आमने-सामने आ सकते हैं।

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