चिल्फी घाटी का पारा पहुंचा आठ पर, जमने लगी ओस

बादल छंटने के बाद न्यूनतम तापमान में रोज गिरावट हो रही है। इस कारण ठंड बढ़ गई है। रात के साथ ही दिन में भी ठंड महसूस हो रही है। सोमवार को भी ऐसा ही मौसम रहा। सुबह अच्छी ठंड महसूस हुई और कई इलाकों में कोहरा छाया रहा। वहीं रात का तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। पहाड़ी और ज्यादा पेड़-पौधों वाले इलाकों से निकलकर ठंड अब शहरों की ओर बढ़ने लगी है। विशेषज्ञों के मुताबिक आज पूरे शहर में अच्छी ठंड पड़ेगी। प्रदेश में उत्तर से हवा आने का सिलसिला शनिवार से शुरू हुआ और उसी समय हिमालय की तराई में बर्फबारी शुरू हो गई। इस वजह से आई ठंडी हवा के कारण लगभग समूचा छत्तीसगढ़ ठंड की चपेट में है। सोमवार को चिल्फीघाटी का न्यूनतम पारा 8 डिग्री के करीब रहा। इस वजह से कहीं-कहीं सुबह ओस भी जमने लगी है। कड़ाके की सर्दी से जनजीवन प्रभावित हुआ है, इसलिए प्रशासन ने ठंड से बचने के उपाय शुरू कर दिए हैं।
सोमवार को भी मौसम सर्द रहा
सोमवार को शहर में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री व अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, वहीं
जनजीवन पर पड़ा ठंड का गहरा असर
वनांचल में पड़ रही ठंड का जनजीवन पर भी गहरा असर पड़ा है। इन इलाकों में सुबह के 11 बजे तक सूर्योदय के तत्काल बाद जैसा एहसास होता है। दोपहर में तीन से चार घंटे ही धूप लोगों को राहत दे पाती है। दोपहर 3 बजे के बाद फिर से कड़ाके की ठंड लगनी शुरू हो जाती है। सूर्यास्त से पहले ही घर-घर अलाव जल उठते हैं। दैनिक कामकाज में हर काम के लिए इन क्षेत्रों के लोग गर्म पानी का उपयोग कर रहे हैं। नहाने से लेकर बर्तन धोने तक के लिए गर्म पानी के बिना गुजारा नहीं है। मवेशियों को इस ठंड में सुरक्षित बचाकर रखना चुनौती बन गई है। ग्रामीण गौठान में धुआं कर वहां का तापमान बढ़ाते हैं। मवेशियों को भी बोरे ओढ़ाकर रखा जा रहा है।
डॉक्टरों की माने सलाह
कड़कड़ाती ठंड के बीच उम्र दराज लोगों को सर्दी बेहद घातक साबित हो सकती है। डॉक्टरों की माने तो सर्दी में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। उम्र दराज लोगों को सर्दी के मौसम में ब्लड पतला करने की दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए। ठंड के मौसम में खून गाढ़ा होने की शिकायतें मिलती है। इन दिनों में हृदय की धमनियां सिकुड़ने लगती है। जिसके कारण गाढ़ा रक्त धमनियों में जमकर दिल का दौरा पड़ने का खतरा बना रहा है। ऐसे मे उम्र दराज लोगों को तेल, मसाले की चीजों से परहेज करते हुए योगा एवं व्यायाम पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
बच्चों और बुजुर्गों से सुबह-शाम बाहर नहीं निकलने की अपील
ठंड से लोगों को बचाने के लिए सभी कलेक्टरों ने रैनबसेरों में कंबल व गर्म कपड़े इत्यादि की व्यवस्था करने को कहा है। बुजुर्गों और श्वांस से जुड़ी तकलीफ वाले लोगों को सुबह-शाम घर से बाहर न निकलने की अपील की है।
कब बनती है शीतलहर चलने की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार किसी भी स्थान में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो तथा न्यूनतम तापमान का सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो। अथवा मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 40 सेल्सियस अथवा उससे कम होना चाहिए, तब शीतलहर जैसी स्थिति निर्मित होती है। इसी तरह पहाड़ी क्षेत्रों के लिए यह स्थिति अलग होती है।