दो महीने बाद हटी आचार संहिता ढाई महीने बाद फिर लगेगी
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सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार- विधानसभा चुनाव संपन्ना होने के बाद परिणामों की भी घोषणा हो चुकी है। वहीं मार्च में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब आचार संहिता के अटकलों का बाजार गर्म होता दिखायी दे रहा है। मार्च में आचार संहिता प्रभावशील होते ही नए कार्यों की स्वीकृति, टेंडर निकालने, निर्माण कार्य करने, खरीदी करने, विभागों में भर्ती, तबादला सहित इसी तरह के कई काम फिर अटक जाएंगे। पिछले चुनाव की बात करें तो 2014 में पांच मार्च को आचार संहिता लागू हो गई थी। इसके बाद देश में सबसे लंबे समय तक यानी सात चरणों के चुनाव हुए थे। पिछले चुनाव में पांच मार्च को चुनावी बिगुल बजा और छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में 24 अप्रैल को मतदान की तारीख तय हुई। रायपुर और जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बलौदाबाजार जिले के वोटर अपना नेता चुनकर किस पार्टी के नेता को संसद भेजेंगे, इसे लेकर भी अटकलें शुरू हो गई थी। पार्टियों के प्रत्याशियों को लेकर भी कयास लगाए जाने लगे थे। तब भी विधानसभा चुनाव खत्म हुए थे। आठ दिसंबर को नतीजे घोषित हुए थे और मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई थी। इस बार भी यहीं होने वाला है। अब आचार संहिता हट चुकी है। ऐसे में अधिकारी अगर जल्द से जल्द काम नहीं निपटाएंगे तो उन्हें बाद में दिक्कत होगी। खासतौर पर वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में आचार संहिता लागू होने की वजह से ज्यादा। इससे पहले ही अधिकारियों को अपने काम निपटाने होंगे। वे सभी काम जो आचार संहिता की वजह से प्रभावित हो जाते हैं। वहीं जिला प्रशासन को भी चुनाव की तैयारियों के लिए लंबा वक्त चाहिए। प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी चुनाव की तैयारी में जुटेंगे तो राजस्व सहित ढेरों काम अटक जाएंगे।
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