दुलकी माइंस का हुआ शुभारंभ, राजहरा ने एक और मील का पत्थर किया पार: Dulki Mines inaugurated, Rajhara crosses another milestone

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के आयरन ओर का प्लेक्स (आईओसी) राजहरा ने विगत दिनों दुलकी माइंस को प्रारंभ कर एक और मील का पत्थर पार किया। दुलकी माइंस का शुभारंभ करते हुए दुलकी आयरन ओर माइंस के डी-3 ब्लॉक से समारोहपूर्वक आयरन ओर की पहली खेप रवाना की गई। विदित हो कि दुलकी आयरन ओर माइंस का डी-3 ब्लॉक 29.10 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसमें 4.4 मिलियन टन आयरन ओर मिलने का आंकलन किया गया है।उल्लेखनीय है कि इस माइंस से माइनिंग प्रारंभ करने हेतु कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए गए। जिसके तहत माइंस टीम ने विभिन्न कानूनी प्रक्रियाओं का अनुपालन से लेकर पर्यावरण व अन्य वैधानिक क्लीयरेंस प्राप्त करने हेतु महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया। संयंत्र को क्वालिटी आयरन ओर उपलब्ध कराने में यह एक मील का पत्थर साबित होगा। बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता के नेतृत्व तथा कार्यपालक निदेशक खदान एवं रावघाट मानस बिस्वास के मार्गदर्शन में मुख्य महाप्रबंधक आईओसी तपन सूत्रधार व माइंस टीम ने इस कठिन कार्य को सफल बनाने में उल्लेखनीय भूमिका अदा की है। इस समारोह में संयंत्र के कार्यपालक निदेशक खदान एवं रावघाट मानस बिस्वास, मुख्य महाप्रबंधक आईओसी तपन सूत्रधार सहित खदान बिरादरी के अधिकारी व कार्मिकगण उपस्थित थे। लौह अयस्क के प्रथम खेप के रवानगी में जहाँ कार्यपालक निदेशक खदान एवं रावघाट मानस बिस्वास एवं मुख्य महाप्रबंधक आईओसी तपन सूत्रधार ने प्रतीकात्मक रूप से शॉवेल को ऑपरेट किया, वहीं महाप्रबंधक (माइंस) श्री एन के मंडल ने प्रतीकात्मक रूप से टिप्पर को ऑपरेट किया। दुलकी माइंस के प्रारंभ होने से बीएसपी को आयरन ओर की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। साथ ही इस्पात उत्पादन हेतु उत्कृष्ट गुणवत्ता के लौह अयस्क की पर्याप्त मात्रा की आपूर्ति संभव हो सकेगी। इसके साथ ही बीएसपी के भविष्य के आयरन ओर माँग को भी पूर्ण करने में सहायता मिलेगी।