कोयला चोरी मामले में आरपीएफ के अधिकारी सहित तीन का नागपुर स्थानांतरण
भिलाई। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भिलाई में पदस्थ रहे एक सहायक उप निरीक्षक और दो प्रधान आरक्षक को तबादले पर नागपुर डिवीजन भेजा गया है। भिलाई रेलवे यार्ड से कोयला चोरी मामले में जांच के बाद प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल बिलासपुर कार्यालय से 11 दिसंबर को इस संबंध में आदेश जारी हुआ है।भिलाई रेलवे यार्ड क्षेत्र में कोयले की चोरी पर अंकुश लगाने में विफल रही आरपीएफ के एक अधिकारी समेत तीन पर डिवीजनल स्तर में तबादले की गाज गिरी है। भिलाई आरपीएफ पोस्ट में पदस्थ रहे सहायक उपनिरीक्षक पी राजय्या और प्रधान आरक्षक रमेश यादव सहित सीआईबी इकाई के उमेश कुमार मिश्रा का तबादला नागपुर डिवीजन किया गया है। 11 दिसंबर को इस संबंध में प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त दक्षिण पूर्व रेलवे बिलासपुर जन कार्यालय से आदेश जारी हुआ है।यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि रेलवे के भिलाई स्थित एक्सचेंज यार्ड और पीपी यार्ड क्षेत्र से होने वाली कोयले की चोरी पर आरपीएफ की भूमिका हमेशा से संदिग्ध रही है। भिलाई आरपीएफ पोस्ट की कोयला चोरी रोकने में नाकामी साबित होने पर सप्ताह भर पहले ही ओसी राजेश कुमार वर्मा सहित सहायक उप निरीक्षक पी. राजय्या और प्रधान आरक्षक रमेश यादव को पोस्ट से हटाकर लूप लाइन माने जाने वाले विभागीय दफ्तरों में अटैच किया गया था। इस कार्यवाही की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि आरपीएफ के कोयला चोरी मामले में संदेही सहायक उप निरीक्षक पी राजय्या व प्रधान आरक्षक रमेश यादव सहित भिलाई में स्थित सीआईबी इकाई में पदस्थ रहे प्रधान आरक्षक उमेश कुमार मिश्रा का तबादला नागपुर कर दिए जाने से महकमे में हड़कम्प सी मच गई है। प्रारंभिक जांच के आधार पर भिलाई आरपीएफ के ओसी राजेश कुमार वर्मा को सप्ताह भर पहले सुरक्षा नियंत्रण कक्ष रायपुर में अटैच किया गया है। जबकि तबादले पर नागपुर भेजे गए पी राजय्या को मंडल वस्त्र भंडार और रमेश यादव को डीएससी रिजर्व में अटैच किया गया था। तबादले की ताजा कार्यवाही में ओसी राजेश कुमार वर्मा का अप्रभावित रहना चर्चा का विषय बन पड़ा है।