सुपेला के साहनी परिवार का पारिवारिक विवाद का मामला पहुंचा गृहमंत्री निवास निगम अधिकारी साहनी कर रहा है अपने पद का दुरूपयोग-कविता साहनी
भिलाई। नगर निगम के एक अधिकारी शंकर साहनी द्वारा निगम अधिकारी होने का पूरा लाभ उठाकर अपने छोटे और मझले भाई के दुकान को हड़पने के लिए अपने छोटे भाई कनहाई साहनी और मझले भाई के परिवार के साथ मारपीट करने और उनको मानसिक रूप से प्रताडि़त करने खुद द्वारा झगड़ा कर कनहाई साहनी और उनकी पत्नी कविता साहनी तथा उनके मझले भाई को उनके छोटे छोटे बच्चों के विरूद्ध थाना में एफआईआर करवा कर प्रताडि़त कर अपने अपने छोटे भाई के दुकान को शहर के कुछ बिल्डरों और रसूखदारों के साथ मिलकर हड़पने का कार्य कर रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही इनके दुकान मेें शंकर साहनी, बिल्डरों द्वारा जमकर तोडफ़ोड़ की गई, इनके शटर को और दुकान में उपर जाने वाले सीढी को हैमर और ड्रीलमशीन से तथा इनके किरायेदार का लगा बोर्ड पुलिस की उपस्थिति में तोडफ़ोड़ कर दिये और हम लोगों के साथ मारपीट किये और जान से मारने की धमकी दिये और शंकर साहनी के साथी बिल्डरों द्वारा हमे हमारा ही दुकान खाले करने के लिए कहा जा रहा है और खाली नही करने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इस मामले में सुपेला थाना में हम लोग शिकायत करने गये उन्होंने हमारी नही सुनी। जबकि शंकर साहनी और रसूदखदारों के कहने पर सुपेला थाना वालों ने मेरे,मेरे पति, मेरी मझली भाभी और मेरे 13 साल के छोटे बच्चे और 18 साल के बच्चे पर उल्टा एफआईआर दर्ज कर दिये।
इस मामले को गृहमंत्री के पास लेकर गये और गृहमंत्री के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए अतिरिकत पुलिस अधीक्षक को दिया गया। इस पर एएसपी रोहित झा सुपेला थानेदार को निर्देशित किया कि एक पक्षीय कार्यवाही ना करें पारिवारिक विवाद है, 145 का इश्तगासा एसडीएम न्यायालय में पेश करें। एएसपी झा के निर्देश पर सुपेला पुलिस ने कविता साहनी की रिपोर्ट पर धारा 294, 506, 34 के तहत शंकर साहनी, रंजीत साहनी, शैलेष साहनी व अजय साहनी के खिलाफ अपराध दर्ज किया। सुपेला थाना थाना अपराध दर्ज के मामले में कविता साहनी ने कहा कि हमारी ओर से केवल उनके द्वारा गाली गलौच करने का मामला दर्ज करते हुए बहुत से पहलुओं को एफआईआर में दर्ज न कर मेरे दुकान को हड़पने वाले शंकर साहनी और उनके साथियों को बचाने का कार्य पुलिस कर रही है। हमारी मांग है कि इस तोडफ़ोड़ मेें जो अन्य लोग शामिल थे उनके विरूद्ध भी कार्यवाही करें।
इसके लिए पीडि़त कविता साहनी एवं उनके पति कन्हाई साहनी एवं उनकी मझली भाभी ने कई बार नगर निगम आयुक्त, निगम के राजस्व विभाग एवं महापौर,एसपी, आई जी सहित कई लोगों को शंकर साहनी तथा इनके दुकान को हड़पने वाले बिल्डरों और रसूखदारों को विरूद्ध कार्यवाही के लिए आवेदन दे चुके हैं। लेकिन इनके और निगम द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है।
उक्त बातें आज एक पत्रकारवार्ता में पीडि़ता कविता साहनी कन्हाई साहनी एवं उनकी मझली भाभी ने बताई। कविता और कन्हाई साहनी ने बताया कि वे न्यू कृष्णा नगर में निवास करते है। मेरे ससूर स्व. बंशी साहनी की दक्षिण गंगोत्री में बी 34 नंबर की है जिसमें नीचे व उपर के किरायेदार ससुर के जीवनकाल में उन्हें ही किराया देते थे। मेरे पिता के निधन के बाद निचे के दुकान का किराया मेरा बड़ा भाई शंकर साहनी वसूलता था और उपर दो तल्ला का किराया मैं लेता था। कुछ दिनों बाद शंकर साहनी मेरे उपर के दुकान को भी हड़पने के लिए कृत्य करने लगा और मेरे दुकान के किरायेदार को डरा धमका कर भगा दिया। उसके बाद मैं इस दुकान में अपना कम्प्यूटर का दुकान खोलने लगा तो मुझे भी नही खोलने दिये इसके बाद में एक किरायेदार राजकुमार सिंह को गत 9 दिसंबर को दिया और उसने अपना बोर्ड लगाया था लेकिन अगले दिन 10 दिसंबर को शाम को ही निगम अधिकारी मेरे बड़े भाई शंकर साहनी और उनके साथी रंजीत साहनी, शैलेष साहनी, राजीव सिंह, अजय साहनी, विजय साहनी, रिककी साहनी, सोनी चौहान, आकाश, भगत सोनी, शिवदयाल धृतलहरे, यशपाल, सरोज साहनी, राजकुमार उर्फ बउवा, संजय बंजारे, विजय बंजारे, और बिल्डर्स के 30-35 कर्मचारियों ने मिलकर मेरे दुकान का शटर का ताला, शटर, सिढी, होर्डिंग बोर्ड सहित अन्य सामानों को तोड़ दिया गया।