डीएफओ का स्थानांतरण रुकवाने विधायक के साथ समिति सदस्य व ग्रामीण रायपुर रवाना
कोंडागांव। जिला अंतर्गत आने वाले केशकाल के डीएफओ धम्मशील गणवीर का केशकाल से दुर्ग स्थानांतरण का मुद्दा सरकार की मुसीबत बढ़ाने के साथ गले की फांस बनता नजर आ रहा है। क्योंकि एक राजपत्रित अधिकारी का स्थानांतरण मामले में गुस्साये सैकड़ों संख्या में ग्रामीण जिसमें पुरुष व महिलाएं व वन प्रबंधन समिति वनमंडल केशकाल क्षेत्र के ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर आर-पार की लडाई करने के मूड में हैं। वन प्रबंधन समिति के लोग सरकार से यह जानना चाहता है, कि आखिरकार एक इमानदार स्वच्छ छबि वाला अधिकारी का स्थानांतरण तीन माह में क्यों और कैसे हुआ? डीएफओ केशकाल का स्थानांतरण पर रोक लगाने के लिये वन प्रबंधन समिति केशकाल क्षेत्र के करीब 100 से अधिक संख्या में ग्रामीणों को लेकर रविवार को संतराम नेताम विधायक केशकाल वन मंत्री छ.ग. शासन से मिलने रायपुर के लिए रवाना हुए।
उल्लेखनीय है कि धम्मशील गणवीर ने 23 जून को वनमंडल केशकाल में डीएफओ का पदभार ग्रहण किया। जिसके बाद लगातार अपने वनमंडल अंतर्गत टाटमारी, माझीनगढ़ कुऐमारी क्षेत्र में विभिन्न योजना के तहत वन विकास कार्य प्रारंभ कराया जो वर्तमान में भी जारी है। लेकिन दिनांक 08 दिसंबर को छ.ग. सरकार की आदेश के तहत केशकाल से स्थानांतरण कर दुर्ग भेजने का आदेश निकला है। इसी वजह से नाराज वन प्रबंधन समितियों ने स्थानांतरण के खिलाफ सड़क की लड़ाई शुरू कर दी है। डीएफओ धम्मशील गणवीर का स्थानांतरण होने की खबर मिलते ही वन प्रबंधन समिति वनमंडल केशकाल अंतर्गत की विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र के सैकडों संख्या में आदिवासी ग्रामीण 11 दिसंबर को बस स्टैण्ड केशकाल में एकत्रित होकर डीएफओ का स्थानांतरण को रोक लगाने की जमकर धरना प्रदर्शन किया था तथा धरना पश्चात् मुख्यमंत्री तथा वनमंत्री छग शासन रायपुर के नाम से ज्ञापन एसडीएम केशकाल के प्रतिनिधि तहसीलदार और विधायक संतराम के निज सचिव को सौंपा गया था। धरना प्रदर्शन के बाद 12 दिसम्बर को भी बड़ी संख्या में ग्रामीण संतराम नेताम विधायक निवास पहुंचकर डीएफओ का स्थानांतरण पर रोक लगाने हेतु अपना दबाव बनाया। जिसके तहत रविवार को वन प्रबंधन समिति के करीब 100 से अधिक संख्या में लोग में अपने विधायक संतराम नेताम के साथ वनमंत्री से मिलने रायपुर रवाना हुए हैं। वन प्रबंधन समिति वनमंडल केशकाल के पदाधिकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर डीएफओ धम्मशील गणवीर स्थानांतरण पर रोक नहीं लगेगा तो वनमंडल केशकाल अंतर्गत ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन तेज होने का प्रबंल संभावना है।
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