राजनांदगांव के घुमका धान उपार्जन केंद्र में हार्ट अटैक आने से किसान की हुई थी मौत, पैसा मांगे जाने का भी है आरोप

राजनांदगांव के घुमका धान उपार्जन केंद्र में हार्ट अटैक आने से किसान की हुई थी मौत, पैसा मांगे जाने का भी है आरोप
जहां किसान दिल्ली की सीमा में फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलनरत है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला के किसान की मृत्यु धान बेचने के दौरान धान उपार्जन केंद्र में ही हो गई। इस मौत के पीछे ब्लड प्रेशर और शुगर के चलते हार्ट अटैक आना बताया जा रहा है, लेकिन वही परिवार की माने तो मोटा धान तौलाई के बदले 500 रुपये मांगे जाने पर के अलावा धान नहीं तोलने की बात पर सदमे के चलते मौत होना बताया जा रहा है। इस मामले में प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। वही विपक्ष इस मुद्दे को हाथों हाथ लेते हुए राजनंदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडे ने सरकार पर सीधा हमला सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि -यह अव्यवस्था और भ्रष्टाचार को दर्शाता है। जहां तक बीमारी का कारण जो बताया जा रहा है वह तो आम बीमारी है किसान की मृत्यु सदमे के चलते हार्ट अटैक आने से हुई है।आपको बता दें कि धान उपार्जन केंद्र घुमका में धान बेचने आए घुमका क्षेत्र के गिधवा निवासी करण साहू ने 43 कट्टा धान बेचने लाया था।जिसे मोटा धान की गुणवत्ता खराब होने का हवाला देकर उससे मोटा धान की तौलाई के एवज में 500 सौ रुपयों की मांग की गई थी। इस मांग के बाद किसान और उपार्जन केंद्र वालों से काफी बहस भी हुई थी और किसान अंततः धान नहीं तौले जाने के डर से 300 रुपये देने को तैयार भी हो गया था, पैसे को लेने के लिए बेटे को घर भी भेजा था। इसी दौरान उपार्जन केंद्र में ही किसान बेहोश होकर गिर गया, जिसे 112 की मदद से अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। धीरे-धीरे अब यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है धान खरीदी केंद्रों की विश्वसनीयता भी दाव में लग गई है। प्रत्येक वर्ष धान खरीदी केंद्र किसी न किसी विवाद के चलते सुर्खियों में रहता है। धान की कम तौलाई और पैसे मांगे जाने की शिकायत पिछले कई वर्षों से अलग-अलग स्थानों से शिकायतें मिलती रहती है। पहले कांग्रेस सत्ता में आने से पहले इसी धान खरीदी को लेकर रमन सरकार पर हमलावर रहती थी,अब सत्ता में खुद कांग्रेस है। ऐसे में देखना यह है कि किसान हितैषी सरकार बताने वाले भूपेश सरकार इस मामले में क्या कदम उठाते हैं