केशकाल डीएफओ का दो बार स्थानांतरण होना, कहीं राजनीतिक साजिश तो नहीं ?
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ट्रांसफर के खिलाफ खल्लारी में ग्रामीण सड़क पर उतरे
केशकाल। वन मंडल केशकाल में स्थायी रूप से कोई भी भा.व.से. के डीएफओ नहीं मिले हैं। कुछ साल टिके हुये तत्कालीन कई डीएफओ क्षेत्र के राजनीतिक नेता एवं अन्य लोगों को खुश करने के चलते वन मंडल केशकाल में रहने का मौका मिला है। किन्तु प्रथम बार केशकाल के डीएफओ के पद स्थापना पर आये धम्मशील गणवीर ऐसा एक साफ सुथरा अधिकारी के रूप में वनों की विकास को लेकर अपने अनुभव के तहत कार्य योजना बनाकर कार्य अपने ईमानदारी व निष्पक्षता के साथ वन विकास कार्यों को शुरू किया है। उनकी स्वच्छ छवी वाली कार्यशैली को कुछ राजनीतिक व अन्य कुछ लोगों को शायद पसंद नहीं आया होगा उसी के चलते एक भा.व.से. का ईमानदारी के भेंट बार बार बली का बकरा बनना पड रहा है।
उल्लेखनीय है कि धम्मशील गणवीर भा.व.से. के अधिकारी को शासन के आदेश के तहत केशकाल वनमंडल के 14वां वन मंडलाधिकारी के रूप में दिनांक 17/07/2017 को केशकाल में पहुंचकर अपना पदभार ग्रहण किया था। पिछले समय भी राज्य शासन के आदेश के तहत केशकाल वनमण्डल में वनमण्डलाधिकारी का कार्यभार ग्रहण करने के मात्र 03 माह में दिनांक 06/10/2017 तक कार्यभार में रहे। तब राज्य सरकार के आदेश पर धम्मशील गणवीर को केशकाल से दुर्ग वन मण्डल में स्थानांतरण किया गया था। तत्पश्चात् धम्मशील को राज्य शासन के आदेश पर पुनः केशकाल डीएफओ बनाकर भेजा गया था जो दिनांक 23/06/2020 को दूसरी बार केशकाल डीएफओ के रूप में कार्यभार ग्रहण किया तब से लेकर दिनांक 08/12/2020 तक केशकाल वनमण्डल अंतर्गत आने वाला क्रमशः 04 वन परिक्षेत्रों में वन परिक्षेत्र बडेडोंगर, फरसगांव, केशकाल एवं विश्रामपुरी वन परिक्षेत्र में वन विकास कार्यों में ज्यादा तेज़ी लाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजना बनाकर वन विकास के तहत वन प्रबन्धन समितियों को अधिक अधिकार देने के साथ मजबूत बनाने के तहत कई विकास कार्यों को शुरूआत किया गया जिसके तहत केशकाल के नामी टाटामारी, विश्रामपुरी वन परिक्षेत्र अंतर्गत गोविंदपुर वन सर्किल के अंतर्गत ग्राम खल्लारी से निकट समुद्री तट से करीब 3000 फीट ऊंचाई एवं मांझिनगढ़ के विशाल पठार वन क्षेत्र करीब 3000 हेक्टेयर फैले हुए पठारी क्षेत्र को विकसित करने के उद्येश्य से कई योजनाएं बनाकर पर्यटकों के लिए अधिक आकर्षित बनाने का काम प्रारंभ कर चुके हैं साथ में केशकाल वन परिक्षेत्र अंतर्गत कुए मारी क्षेत्र के ग्राम मिडदे जल प्रपात एवं ग्राम होनहेड के जलप्रपाल क्षेत्र उपरबेदी एवं पुरातत्व विभाग में नाम दर्ज करने वाला गोबराहिन गढ़धनोरा को अधिक से अधिक विकसित करते हुए दूर दराज से आने वाले पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार के मरोरंजन का आकर्षक साधन बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर अपने क्षेत्र के वनों की अलग पहचान दिलाने में समर्पित भावना से लगे हुए हैं। दूसरी बात वन मण्डल केशकाल में वन मण्डलाधिकारी के रूप में पहुंचे धमशील गणवीर का कुशल निःस्वार्थ कार्यों पर शायद कुछ लोगों की बुरी नजर लगने के साथ स्वच्छ छवी वाले डीएफओ को अपना बली का बकरा बनाते हुए राजनीतिक रोटी सेकने में लगे हुए हैं। डीएफओ धमशील को दूसरी बार भी केशकाल से स्थानांतरण छत्तीसगढ़ शासन वन विभाग मंत्रालय नवा रायपुर अटल नगर से श्री के.एल.चैहान संयुक्त सचिव छत्तीसगढ़ शासन वन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार जारी करीब 35 भारतीय वन सेवा के संयुक्त स्थानांतरण आदेश क्रमांक 1-01/2020 दिनांक 08/12/2020 कीे स्थानांतरण ओदश सूची में धम्मशील गणवीर का नाम ट्रांसफर सूची आदेश में 21 वें नम्बर पर है। साथ ही धम्मशील का स्थानांतरण केशकाल से वनमंडल दुर्ग में किया गया है। जारी आदेश के तहत केशकाल वनमण्डल में बी एस ठाकुर वनमण्डल अधिकारी रायपुर से केशकाल वनमंडल में भेजा गया है।
डीएफओ के स्थानांतरण की जानकारी मिलते ही खल्लारी के ग्रामीण सडक पर उतरे
डीएफओ धमशील गणवीर का स्थानांतरण दुर्ग में होने की सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र विश्रामपुरी अंतर्गत ग्राम खल्लारी के वन प्रबंधन समिति से जुडे लोगों के साथ बडी संख्या में ग्रामीण जनों में आक्रोश बढ़ने के साथ सरकार से डीएफओ का स्थानांतरण वापस लेने नरेबाजी करते हुए सड़क पर उतरकर अपना आक्रोश जाहिर किया है। साथ ही आक्रोशित ग्रामीण जनों ने मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन तहसीलदार राजस्व विश्रामपुरी को सौपने की तैयारी करते हुए धमशील गणवीर को केशकाल में रखने की पुरजोर मांग करने की जानकारी ग्राम खल्लारी के विशेष ग्रामीण सूत्रों से प्राप्त हुआ है।
केशकाल वनमंडल अंतर्गत संचालित समस्त वन प्रबंधन समितियों की ओर से अपने अपने वन प्रबंधन समिति अंतर्गत डीएफओ धमशील गणवीर का केशकाल से दुर्ग स्थानांतण होने पर विभिन्न क्षेत्र में वन प्रबंधन समिति एवं ग्रामीण जनों में आक्रोश व्याप्त है तथा गांव गांव में जन आक्रोश आंदोलन किये जाने का चर्चा की जानकारी ग्रामीण सूत्रों से प्राप्त हुई है।
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