जवानों के कल्याण से जुड़े सुझावों पर अमल नहीं, 100 दिनों की छुट्टी, घर के पास पोस्टिंग जैसे कई प्रस्ताव

विभिन्न सुरक्षा बलों में जवानों के कल्याण से जुड़े कई सुझावों पर अमल में देरी होने से सवाल उठ रहे हैं। जवानों को सौ दिन अवकाश, घर के समीप पोस्टिंग, निश्चित आयु के बाद डेपुटेशन वाली जगहों पर भेजने से जुड़े प्रस्ताव अभी भी ठंडे बस्ते में हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इन सभी सुझावों पर बीते एक साल में कई बार चर्चा हुई है। लेकिन, अभी इन पर अमल नहीं हो पाया है।
सूत्रों ने कहा कि एक सुझाव उच्च स्तर पर सामने आया था कि कठिन ड्यूटी में जीवन बिताने वाले जवानों के लिए साल में 100 दिन छुट्टी का इंतजाम किया जाए, जिससे वे अपने परिवार के साथ समय बिता सकें। इस सुझाव को जवानों पर बढ़ रहे दबाव और उनकी मनः स्थिति ठीक रखने के लिहाज से काफी अच्छा माना गया था। सूत्रों ने कहा, उच्च स्तर पर सहमति के बावजूद जवानों की कम संख्या और अतिरिक्त बटालियन की कमी का हवाला देते हुए अंदरूनी स्तर पर अफसरों ने इसे आगे नहीं बढ़ाया।
इसी तरह एक ठोस सुझाव ये भी था कि आईटीबीपी, बीएसएफ आदि फोर्स में कठोर ड्यूटी में रहने वाले जवानों को 40 साल तक की उम्र तक काम करने के बाद डेपुटेशन से जुड़ी पोस्टिंग सीआईएसएफ, एनआईए या अन्य जगहों पर दी जाए, लेकिन यह मसौदा भी आगे नहीं बढ़ पाया। इसी तरह घर के पास पोस्टिंग देने के सुझाव को भी अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है।
सूत्रों ने कहा कि जवानों के कल्याण से जुड़े प्रस्तावों के अलावा एक सुझाव यह भी था कि ऐसे अफसरों और जवानों को जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं, फोर्स से बाहर करने के लिए अभियान चलाया जाए, लेकिन इसे भी अभी गति नहीं मिल पाई है।
सूत्रों ने कहा कि इन सुझावों पर गृहमंत्रालय काफी गंभीर रहा है। आने वाले दिनों में संबंधित बलों से इन मामलों पर रिपोर्ट भी ली जा सकती है, क्योंकि ये सभी मुद्दे उच्चस्तरीय बैठकों में सामने आए थे। फिलहाल जवानों की ओर से कन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री वेलफेयर एसोशिएशन का दबाव बना हुआ है। सभी सुझावों पर जल्द अमल की मांग की जा रही है।