छत्तीसगढ़

शिव के पांचवे रुद्रावतार हैं काल भैरव, सभी सिद्धियां करते हैं प्रदान

*शिव के पांचवे रुद्रावतार हैं काल भैरव, सभी सिद्धियां करते हैं प्रदान*

रतनपुर। कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति भयमुक्त होता है और उसके जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि इस दिन भगवान भैरव की पूजा करने से रोगों से भी मुक्ति मिलती है।

रतनपुर के भैरव बाबा मंदिर के आचार्यश्री पंडित जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि आज सोमवार को काल भैरव जयंती पर भगवान काल भैरव की पूजा की गई। भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। हिंदू धर्म में काल भैरव जयंती सबसे शुभ दिनों में से एक माना गया है। यहां श्रद्धालु सुबह सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान करने के बाद मंदिर पहुंचे। फिर भगवान काल भैरव का आशीर्वाद लेकर विशेष पूजा की गई। काल भैरव जयंती को भैरव अष्टमी और भैरव जयंती के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप और काल भैरव कथा का पाठ करना चाहिए। इससे जीवन में सफलता और कामनाओं की पूर्ति होती है।

पंडित राजेन्द्र दुबे ने बताया कि काल भैरव की विधिवत पूजन करने से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। उन्हें तंत्र का देवता माना जाता है। इसके चलते भूत, प्रेत और बाधा जैसी समस्या के लिए काल भैरव का पूजन किया जाता है। इस दिन काले कुत्ते को दूध पिलाने से काल भैरव का आर्शीवाद प्राप्त होता है। काल भैरव को दंड देने वाला देवता भी कहा जाता है, इसलिए उनका हथियार दंड है। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से भी उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। श्री भैरव बाबा मंदिर में पंडित दिलीप दुबे, महेश्वर पांडे, कान्हा तिवारी, विक्की अवस्थी, यज्ञ के आचार्य गिरधारी पांडे अवनीश मिश्रा और रवि तंबोली आदि मौजूद रहे।

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