शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के उपेक्षापूर्ण रवैय्ये का ही परिणांम है किसान द्वारा आत्महत्या करना- के के ध्रुव
केशकाल। मेरे केशकाल विधानसभा क्षेत्र के किसानों के प्रति शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के उपेक्षापूर्ण रवैय्ये का ही परिणांम है गत वर्ष धान खरीदी के सीजन में किसानों पर हुआ बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज और इस वर्ष धान खरीदी आरंभ होते ही मारंगपुरी के एक किसान द्वारा आत्महत्या करके अपनी जान दे देना।
ग्राम मारंगपुरी में फांसी लगाकर अपनी प्रांण दे देने वाले किसान धनीराम नेताम के गृहग्राम मारगंपुरी पहुंचकर मृतक धनीराम नेताम के शोकाकुल परिवार से मिलकर उनका ढांढस बढ़ाते हुए पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद ग्राम के किसानों से मिलकर लौटने के बाद पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि किसानों का अब कोई सूनने वाला नहीं रह गया है ऐसा लगने लगा है। पूर्व विधायक का कहना है कि गिरदावरी में ब्यापक पैमाने पर गडबडी होने और हुए गड़बड़ी के कारण भविष्य में उत्पन्न होने वाली विषम परिस्थिति के बारे में 6 नवम्बर को ही अवगत कराते आगाह कर दिया गया था, परन्तु उस पर किसी ने गंभीरता से गौर नहीं किया जिसके चलते एक किसान को अपने प्रांणों की आहूति दे देना पड़ा।
केशकाल तहसील के ग्राम चिखलाडिह के बंशी सिन्हा और वंहा के किसानों के गिरदावरी में हुए गड़बड़ी की जानकारी देते हुए अनुरोध किया गया था कि इस तरह से हुई गड़बड़ी का समय रहते सुधार करा लिया जाये। जिस पर बंशी और उसके गांव चिखलाडिह के किसानों का गिरदावरी रिकार्ड सुधार लिया गया पर अन्य स्थानों में हुई गड़बड़ी की तरफ ध्यान नहीं दिया गया था। फलस्वरूप गड़बड़ी कायम रही और एक किसान को अपनी परिवार को असहाय छोड़कर अपनी जान गवानी पड़ी।
श्री ध्रुव ने किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ दिलाने के नाम पर किए जा रहे बहुत बड़ी गड़बड़ी को भी उजागर करते हुए कहा है कि छूट के लूट में बिचौलिये भरपूर मजा कर रहे हैं और किसान के हिस्से में आ रहा है महज ढाक का तीन पात। श्री ध्रुव का कहना है कि मैं रविवार को खुद बाईक से मारंगपुरी गया था और वंहा किसानों से जो पता चला है उससे साफ जाहिर होता है कि कृषि विभाग के जिला कार्यालय में बैठे अधिकारी कर्मचारी के आपसी सांठगांठ से किसानों को शासन से मिलने वाले अनुदान को बिचौलिए बीच में ही बंदरबांट कर ले रहे हैं। जिस मारंगपुरी में एक किसान के मौत का मातम पसरा हुआ है वहीं शेलो बोर के नाम से मिलने वाले छूट को हडप कर लेने की मंशा से किसी भी प्रक्रिया के पूर्ण हुए बगैर ही किसानों कोे मोटर पम्प धरा दिया गया है। मारंगपुरी के ही एक किसान के माध्यम से मोटर पम्प डिलर ने अनेकों किसान को मोटर पम्प व उसका आधा अधूरा सामान बांट दिया है। क्षेत्र के कृषि विभाग के संबंधित कर्मचारी के बगैर जानकारी के और जिला कार्यालय से बगैर स्वीकृति मिले ही जिन किसानों के खेत में बोर तक नहीं हो पाया है और बिजली कनेक्शन का कोई ठौर ठिकाना नहीं है उन किसानों को भी मोटर पम्प दे दिया गया है। समस्त नियम प्रक्रिया को दरकिनार रखते यह महज शेलो बोर के नाम से मिलने वाले 20,000/- अनुदान का लाभ उठा ले लेने कर लिया गया है। किसानों को सिंचाई सुविधा सुलभ कराने के नाम से सरकार द्वारा दिये जाने वाले अनुदान के बंदरबांट में कृषि विभाग के सांथ सांथ विद्युत वितरंण कंपनी के अधिकारियों कर्मचारियों और सप्लायरों दलालों की अहम भूमिका है।