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केंद्र की नई कोविड-19 गाइडलाइंस आज से लागू, जानें कहां रहेगी सख्ती और कहां मिलेगी छूट

आज यानी 1 दिसंबर से केंद्र सरकार की नई कोरोना गाइडलाइंस लागू हो गई हैं। नए गाइडलाइन के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के बीच राज्य और केंद्रशासित प्रदेश संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रात्रिकालीन कर्फ्यू जैसी स्थानीय पाबंदियां लगा सकते हैं। हालांकि, निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर किसी भी तरह का लॉकडाउन लगाने से पहले उन्हें केंद्र से विचार-विमर्श करना होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिसंबर के लिए ‘निगरानी, रोकथाम और सावधानी’ दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की सूची बनाई जाएगी और पता लगाकर उन्हें क्वांरटाइन में भेजा जाएगा। संक्रमण के मामलों में 14 दिनों तक नजर रखनी होगी और मरीजों के संपर्क में आने वाले 80 प्रतिशत लोगों का 72 घंटे में पता लगाना होगा। तो चलिए जानते हैं नए दिशा-निर्देश में आज से क्या-क्या होगा।

कोविड-19 मरीजों को शर्तें पूरी करने पर तुरंत घर पर पृथक-वास में भेजने या उनकी चिकित्सकीय देखभाल की व्यवस्था की जाएगी। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कोविड-19 के संबंध में उपयुक्त व्यवहार को लेकर भी लोगों को जागरूक करना होगा। भीड़ वाले स्थानों, बाजारों, हाट और सार्वजनिक परिवहन में उचित दूरी के निर्देशों का पालन करना होगा।

मंत्रालय के मुताबिक, निर्देश का मुख्य लक्ष्य देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जो कामयाबी मिली है, उसे बनाए रखना है। रोकथाम रणनीति की बदौलत ही देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हाल में मामलों में बढ़ोतरी, त्योहार के मौसम और ठंड की शुरुआत को ध्यान में रखते हुए यह जोर दिया जाता है कि महामारी की रोकथाम के लिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है और इसको लेकर निर्धारित रणनीति का कड़ाई से पालन करना होगा। मंत्रालय ने कहा कि रोकथाम की रणनीति में निगरानी, अन्य उपायों पर ध्यान होना चाहिए और गृह मंत्रालय तथा स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों एवं मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

दिशा-निर्देश में कहा गया है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्थिति के अपने आकलन के आधार पर कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए रात्रिकालीन कर्फ्यू जैसी स्थानीय पाबंदी लागू कर सकते हैं। हालांकि, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें केंद्र सरकार के साथ विचार-विमर्श किए बिना निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर किसी भी प्रकार का स्थानीय लॉकडाउन (राज्य, जिला, उपसंभाग, शहर के स्तर पर) लागू नहीं करेंगी। दिशा-निर्देश आज यानी एक दिसंबर से 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगे।

क्या-क्या मिली अनुमति
दिशा-निर्देशों के मुताबिक, निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर कुछ गतिविधियों को सशर्त अनुमति के अलावा सभी गतिविधियों की अनुमति दी गई है। सिनेमा हॉल और थिएटरों को बैठने की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दी गई है। सामाजिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जमावड़े की स्थिति में एक हॉल में अधिकतम 50 प्रतिशत क्षमता के साथ 200 लोगों तक की अनुमति होगी। खुले स्थान में मैदान के हिसाब से लोगों को अनुमति दी जाएगी।  हालांकि, स्थिति के आकलन के आधार पर राज्य सरकारें बंद स्थानों में लोगों की संख्या 100 तक सीमित कर सकती हैं ।
     
लोगों के, राज्यों के भीतर और एक राज्य से दूसरे राज्य आने-जाने या सामान ढुलाई पर कोई पाबंदी नहीं होगी। ऐसी आवाजाही के लिए अलग से किसी अनुमति या ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी। दिशा-निर्देशों के मुताबिक, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जिला प्रशासन सावधानी से निषिद्ध क्षेत्रों को चिह्नित करेगा । इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को भी ध्यान में रखना होगा।

 

कंटेनमेंट जोन में पाबंदियां
संबंधित जिलाधीशों द्वारा निषिद्ध क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन) के बारे में वेबसाइटों पर सूचना दी जाएगी और यह सूची केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ भी साझा की जाएगी। निषिद्ध क्षेत्रों में केवल जरूरी गतिविधियों की अनुमति होगी और इसके दायरे में लोगों की आवाजाही पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया जाएगा। केवल आपात चिकित्सा जरूरतों और आवश्यक सामान और सेवा की आपूर्ति बनाए रखने को मंजूरी होगी।  संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए टीमें घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेंगी। इसके अलावा निर्धारित प्रक्रिया के तहत जांच की जाएगी। सभी संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की सूची बनायी जाएगी और उनका पता लगाया जाएगा। इनफ्लुएंजा जैसे संक्रमण (आईएलआई), श्वसन संबंधी गंभीर संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों में सर्वेक्षण किया जाएगा।

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