छत्तीसगढ़

BEMETARA:फर्जी शिक्षाकर्मी यों को जारी हुआ नोटिस सभी ने दिया एक जैसा रटा-रटाया जवाब

*मंत्रालय के आदेश का तीन माह बाद भी नही हुवा परिपालन**

**सीईओ साजा को बनाया गया था प्रभारी अधिकारी**

**अक्टूबर 2019 को चीफ सेक्रेटरी के पास हुई थी शिकायत**

**मामला बेमेतरा जिले में फर्जी शिक्षाकर्मियों के पुनर्नियुक्ति का**

**पुनर्नियुक्ति में चला पैसे का खेल*

**हाई कोर्टऑर्डर के विपरीत था पुनर्नियुक्ति ऑर्डर**
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संजु जैन
बेमेतरा:बेमेतरा जिले के साजा, बेमेतरा और बेरला जनपद पंचायत में लगभग दो वर्ष पूर्व फर्जी शिक्षाकर्मियों को हाई कोर्ट के ऑर्डर का हवाला देकर पुनर्नियुक्ति दी गई थी जो न्यायालयीन ऑर्डर के विपरीत है नियुक्ति उपरांत तत्कालीन कलेक्टर बेमेतरा महादेव कावरे ने समस्त सीईओ को कोर्ट के नियमानुसार कार्यवाही का निर्देश दिए थे जिस पर फर्जीयो को नोटिस भी जारी हुवा जिसमे अधिकांश लोगों ने एक सा ही रटा रटाया जवाब दिए कि हमारे द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र नही लगाया गया गया है इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया यहाँ यह बताना लाजिमी होगा कि फर्जीयो द्वारा यह कहा जाना कि हमने फर्जी प्रमाण पत्र नही लगाया इससे ये दोष मुक्त नही हो सकते इन्ही फर्जी प्रमाणपत्रों में मिले अंक लाभ के कारण वो अंक विभाजन वरीयता सूची में स्थान बनाने में सफल रहा जो उनके नियुक्ति का कारण बना,अंतिम चयन सूची जारी होने के पूर्व दावा आपत्ति का नोटिस जनपद के नोटिस बोर्ड पर चस्पा हुवा था तब इनके द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र जो इनके द्वारा नही लगाया गया था उन पर मिले अतिरिक्त अंको की लाभ पर ये लोग तब आपत्ति क्यों नही किये, उन फर्जी प्रमाण पत्रों में मिले अंक पर इनके और चयन समिति के बीच मोटी रकम के लेन देन का रिश्ता रहा है जिसके चलते इनके द्वारा दावा आपत्ति में जानबूझकर आपत्ति दर्ज नही कराई गई,इन तमाम घटनाओं में फर्जीयो और जनपद के अधिकारियों के बीच के रिश्ते के चलते अब तक समुचित कार्यवाही नही हुई,और संविलियन के बाद डीईओ बेमेतरा भी अपने जिम्मेदारी ठीक से नही निभा पा रही है तो भविष्य में कार्यवाही की अपेक्षा करना भी बेमानी होगी,इस बात की शिकायत कोहकाबोड़ निवासी सेवा निवृत्त शिक्षक नारद सिंह राजपूत के द्वारा चीफ सेक्रेटरी छत्तीसगढ़ शासन के पास 31 अक्टूबर 2019 को की गई थी जिस पर पत्रावली के अलावा अब तक कुछ नही हुवा है

**यह था मामला**

विगत दो वर्ष पूर्व माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के प्रकरण क्रमांक WP(S) 984 OF 2018 के अंतर्गत सीईओ जनपद पंचायत साजा ने रोहाणी झा और डामेश्वरी निषाद को आगामी आदेश पर्यंत तक उन्हें उनके पद शिक्षाकर्मी वर्ग 03 पर पुनर्नियुक्त किये थे जिसमे माननीय न्यायालय ने अपने ऑर्डर में इनके बर्खास्तगी में पंचायत राज अधिनियम के धारा 07 के नियमो का पालन नही होने का उल्लेख किये थे,लेकिन सीईओ जनपद पंचायत साजा के द्वारा इनके पुनर्नियुक्त होने के बाद धारा 07 के अनुसार इन पर न तो आरोप पत्र जारी किये और न ही कोई विभगगीय जांच कर इन्हें बर्खास्त किये जिसके चलते इन्हें दोषी होते हुए भी स्थाई रूप नियुक्ति दे दिए और संभवतः शिक्षा विभाग में संविलियन भी कर दिया गया है

इसी मामले को आधार बनाकर पूरे जिले में फर्जी शिक्षाकर्मियों द्वारा न्यायालय के माध्यम से पुनर्नियुक्ति का लाभ लिया जा रहा है,जो विधि विरुद्ध है, और ये सारी कवायदे सिर्फ चयन समिति को बचाने की नीयत से की जा रही है जो सभी जनपदों में 2007 के फर्जी नियुक्ति के लिए शिक्षाकर्मियों के साथ साथ संयुक्त रूप से जिम्मेदार है जिले में घटित इन घटनाओं की शिकायत साजा सहित अन्य की पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग के पास की गई है,जिसकी जांच अभी प्रक्रिया में है,इसी ऑर्डर में माननीय न्यायालय ने सेक्रेटरी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को यह भी निर्देश दिए है कि जो अधिकारी बिना नियमो का पालन किये बर्खास्तगी की कार्यवाही किये है उन पर भी विभगगीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे,जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही तो दूर उल्टे सामूहिक रूप से फर्जीयो को और सरंक्षण दिया जा रहा है

**सीईओ जनपद पंचायत साजा को बनाया गया था प्रभारी अधिकारी**

उच्च न्यायालय के उक्त प्रकरण में न्यायालयीन ऑर्डर के परिपालन करने के लिए अवर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छ ग शासन ने पत्र क्रमांक एफ 5-50 /2018/22-2 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 17 अगस्त 2020 में सीईओ जनपद पंचायत साजा कांति ध्रुव को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया था, जिसमे उच्च न्यायालय के उक्त मामले में विभाग को पालन प्रतिवेदन तत्काल प्रस्तुत करने निर्देश दिए है लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी परिणाम धरातल पर नजर नही आ रहा है, इससे अधिकारियों की फर्जीयो पर कार्यवाही न करने की हठधर्मिता ही दिखाई देती है

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पूरे जिले में फर्जीयो को विधि विरुद्ध नियुक्ति दी गई है जिसमे हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना हुई है, 13 माह पूर्व मेरे द्वारा चीफ सेक्रेटरी छत्तीसगढ़ शासन के पास प्रमाणित शिकायत की गई है,जुलाई 2020 में स्मरण पत्र भी दिया गया था जिस पर अवर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय रायपुर ने सीधे सीईओ जनपद पंचायत साजा को न्यायालयीन ऑर्डर की परिपालन हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किये थे जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है,शिकायत कर्ता होने के नाते अपेक्षित कार्यवाही न होने की स्थिति में उच्च न्यायालय बिलासपुर में तमाम जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध याचिका दायर करना ही एक मात्र विकल्प बचता है

नारद सिंह राजपूत सेवानिवृत्त शिक्षक

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संजु जैन सबका संदेश न्युज बेमेतरा=7000885784

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