कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी भक्तों ने रविवार को अलसुबह भगवान विष्णु और भगवान शंकर की आराधना करके खारुन नदी में दीपदान किया।
कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी
भक्तों ने रविवार को अलसुबह भगवान विष्णु और भगवान शंकर की आराधना करके खारुन नदी में दीपदान किया।
कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी यानी बैकुंठ चतुर्दशी की पावन बेला में भक्तों ने रविवार को अलसुबह भगवान विष्णु और भगवान शंकर की आराधना करके रायपुर के खारुन नदी में दीपदान किया। दीप प्रज्ज्वलित करके उसे दोना-पत्तल में रखकर नदी में प्रवाहित किया। दोनों इष्टदेवों से जाने-अंजाने हुए पापों से मुक्ति देने की कामना की। रविवार को सूर्योदय से पहले ही श्रद्धालु
सबका संदेश कान्हा तिवारी
रायपुर के महादेव घाट पहुंचने लगे थे। हटकेश्वर महादेव का दर्शन करके श्रद्धालुओं में दीपदान करने के प्रति आस्था छलक पड़ी। नदी की धारा में दीप प्रवाहित होने का अदभुत नजारा महादेव घाट में दिखाई दिया। घाट के किनारे दूर दूर तक दीपों की लड़ी जगमगा उठी।
प्रांतीय अखंड ब्राह्मण समाज के नेतृत्व में पुरुष, महिलाओं में दीपदान करने के प्रति अगाध श्रद्धा का भाव छाया था।1001 दीप नदी में प्रवाहित किया
प्रांतीय अध्यक्ष पंडित योगेश तिवारी ने बताया कि कार्तिक मास की बैकुंठ चतुर्दशी पर स्नान और दीपदान का शास्त्रों में विशेष महत्व है। इस मान्यता के चलते छत्तीसगढ़ प्रांतीय अखंड ब्राम्हण समाज के सदस्यों ने दीपदान करने के लिए जागरूक किया था।
इस अपील का असर हुआ और सदस्य दीपदान करने पहुंचे। कड़कड़ाती ठंड के बावजूद खारुन नदी तट पर श्रद्धालु सुबह छह बजे से दीपदान के लिए पहुंचने लगे थे। कई सदस्यों ने नदी में ही स्नान करके भोलेनाथ का दर्शन करके मन्नत मांगी और दीपदान किया। भक्तों ने 1001 दीप नदी में प्रवाहित किए। इस अवसर पर श्रीमती भारती किरण शर्मा,श्रीमती निशा तिवारी,श्रीमती डॉ सरिता दुबे,श्रीमती सुनीता मिश्रा,पं मेघराज तिवारी,पं सूर्यानंद मिश्रा, पं प्रदीप शर्मा,पं रुद्रानंद शर्मा,कमलेश शर्मा,डॉ उमेश मिश्रा सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।