छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

मुस्लिम समाज के सबे बारात के साथ आज क्रिश्चियन समुदाय का इस्टर भी

सुबह क्रिश्चन समुदाय के तो शाम मुस्लिम पहुंचेंगे कब्रिस्तान

शबे बराअत पर आज सुबह से शुरू होगा इबादत का सिलसिला

नमाज, दरूद ख्वानी व तकरीर सहित कई आयोजन होंगे

भिलाई। शबे बराअत के मौके पर 20 अप्रैल को शहर का मुस्लिम समुदाय मस्जिदों, घरों और कब्रिस्तान में इबादत करेगा। दुआओं का यह सिलसिला शनिवार सुबह से शुरू होगा जो देर रात तक जारी रहेगा। कब्रिस्तान हैदरगंज इंतेजामिया कमेटी कैम्प-1 की ओर से इस मौके पर कई आयोजन रखे गए हैं।

कब्रिस्तान के हॉल में रविवार सुबह 8 बजे से कुरआन ख्वानी व दुरूद ख्वानी का सिलसिला शुरू होगा। इसके बाद सुबह 10 बजे फातिहाख्वानी और इज्तेमाई दुआएं होगी। शाम को जलसे की शुरूआत तकरीर व नात से होगी। इस कांफ्रेस में हजरत सैय्यद कौसर रब्बानी बांदा यूपी व खतीबे एशिया हजरत शोएब रजा आसवी इलाहाबादी कौम से खिताब फरमाएंगे। नातिया कलाम पढऩे सैय्यद तेग अली नागपुरी,फैसल रिजवी गयावी बिहार,रहबर नेपाली रायपुर मौजूद रहेंगे। जलसे की निजामत नकीबे छत्तीसगढ़ मौलाना मोहियुद्दीन फरमाएंगे। वहीं तमाम मस्जिदों के इमाम और मदरसों के मुदर्रिस भी शामिल होंगे। जलसे की निजामत नकीबे छत्तीसगढ़ मौलाना मोहियुद्दीन फरमाएंगे। कब्रिस्तान इंतेजामिया कमेटी के सदर शमशीर कुरैशी,अब्दुल वहीद, मो. जाकिर,निजामुद्दीन खान, हफीज खान, मिर्जा मुकीम बेग,अमीन, सईद,अतीक,शादाब,फिरोज, मोहम्मद अकबर, बाबू हाफिज, उस्मान, इनाम, हुसैन, शरफुद्दीन,सलीम खान,कदीर रजा,सैयद,मोहम्मद सलीम,मुन्ना खान, कलीमुल्लाह, साजिद अली, राजिक,शेख फैय्याज,खुर्शीद, नासिर,जुनैद, सादिक,अज्जू, शब्बीर कुरैशी,शराफत,लतीफ और नबी कुरैशी सहित तमाम पदाधिकारी कब्रिस्तान में शबे बराअत की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस दौरान कब्रिस्तान में पहुंचने वालों की तादाद हजारों में होने की वजह से कमेटी ने जिला एवं पुलिस प्रशासन से मिलकर यातायात व अन्य व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की मांग की है।

गुनाहों से बरी होने की रात है शबे बराअत:मौलाना इकबाल

शबे बराअत के आयोजन के बारे में जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमामो खतीब मौलाना मोहम्मद इकबाल अंजुम हैदर अशरफी जामई ने बताया कि शब के मायने रात और बराअत के मायने बरी होने से है। शबे बराअत की रात बहुत बरकतों वाली और अल्लाह को राजी करने वाली होती है। हदीस में आया है कि पैगम्बर हजरत मोहम्मद (सअव) शबे बराअत में सऊदी अरब के जन्नतुल बकी (एक कब्रिस्तान) में जा कर दुआएं करते थे। उन्ही के रास्ते पर चलते हुए लोग शबे बराअत पर कब्रिस्तान जाकर अपने मरहूम (दिवंगत)परिजनों की कब्र पर दुआएं करते हैं। मौलाना अशरफी ने कहा कि यही वह रात है जब अल्लाह तआला रहमत के 300 दरवाजे खोल देता है और हर उस शख्स को बख्श देता है जिसने उसके साथ किसी को शरीक नहीं ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस रात लोग अपने तमाम छोटे-बड़े गुनाहों पर शर्मिंदा होकर अल्लाह की बारगाह में तौबा करें तो उसकी तौबा जरूर कुबूल होती है।

शाम की नमाज में भी होगी खास इबादत

जामा मस्जिद सेक्टर-6 के साबिक इमाम हाजी हाफिज अजमलुद्दीन हैदर ने बताया कि शबे बराअत पर शाम की नमाज (मगरिब) के बाद तीन मरतबा सूरए यासीन शरीफ सुनाया जाता है और 2-2 रकअत के साथ नफिल नमाज पढ़ी जाती है। इसके बाद दुआएं की जाती है। जामा मस्जिद सेक्टर-6 में शाम को मगरिब की नमाज के ठीक बाद करीब 6:35 बजे से सूरए यासीन सुना जाएगा और लोग नफिल नमाज पढ़ेंगे। शहर की दूसरी मस्जिदों में भी यह आयोजन होगा।

रात में मुस्लिम समुदाय तो सुबह इसाई समुदाय पहुंचेगा कब्रिस्तान

इस साल मुस्लिम समुदाय के शबे-बराअत के ठीक बाद इसाई समुदाय का ईस्टर पर्व पड़ रहा है। ऐसे में एक अनूठा संयोग बनेगा। मुस्लिम समुदाय के लोग जहां 20 अप्रैल को सुबह से लेकर पूरा रात तक कब्रिस्तान पहुंचकर अपने दिवंगत परिजनों की कब्र पर दुआएं करेंगे वहीं ईसाई समुदाय के लोग 21 अप्रैल रविवार को तडक़े अपने मसीही कब्रिस्तान पहुंचेंगे। सुबह-सुबह ईसाई समुदाय के लोग भी मसीही कब्रिस्तान पहुंच कर अपने दिवंगत परिजनों की कब्र पर विशेष प्रार्थना करेंगे। ईस्टर पर्व सूली पर चढ़ाए जाने के तीसरे दिन पैगम्बर यीशु मसीह के पुन:जीवित होने की घटना की यादगार में मनाया जाता है।

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