रक्तदानियों को यूं ही महादानी नहीं कहा जाता इसके पीछे वजह है
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रक्तदानियों को यूं ही महादानी नहीं कहा जाता इसके पीछे वजह है
मामला रायपुर जिले में देखने को मिला, जब तीन रक्तदानी 90 किमी पार करते हुए जिला अस्पताल रायपुर जा पहुंचे और खून की कमी से जूझ रहे 6 वर्षीय बच्चे के लिए रक्तदान किया। ओंकार साहू (संचालक, जागृत युवा रक्तदान सेवा समिति तखतपुर छत्तीसगढ़) को प्रतिदिन की तरह ब्लड के लिए कॉल आया तब जानकारी देते हुए मरीज के परिजन ने बताया कि एक्सचेंज की सुविधा तक नहीं है ,और 3 यूनिट ब्लड लगना है तो संचालक ओंकार साहू के द्वारा फोन कॉल से 1 यूनिट ब्लड अरेंज हुआ ,और अब भी दो यूनिट लगना था लेकिन नई हो पा रहा था तब ग्राम लोरमी गांव के रक्तदाता बसंत देवांगन और एक साथी मुकेश साहू को लेकर रायपुर (90 किमी) के सफर के लिए निकल पड़े। ब्लड बैंक पहुंचने पर ओंकार साहू जी द्वारा एक व्यक्ति को जागरूक किया गया जिससे एक और डोनर में वृद्धि हो गई, जरूरत थी दो यूनिट की अतः बसंत देवांगन एवं मनोज ,रायपुर के द्वारा दो यूनिट ब्लड डोनेट किया गया।समिति के संस्थापक घनश्याम श्रीवास जी ने बताया कि आज तक पिछले 6 साले में जागृत युवा रक्दान सेवा समिति तखतपुर द्वारा 48332 ब्लड़ निःशुल्क डोनेट करा चुके है समिति के संचालकों का कहना है कि हमे प्रत्येक दिन 40 से 50 कॉल अटेंड करना पड़ता है हम प्रत्येक दिन 8 से 10 लोगों को अपने समिति के माध्यम से हम निःशुल्क उपलब्ध कराते है
आप दोनों को हृदय से धन्यवाद एवं आपका जीवन स्वस्थ रहे।
इस तरह जागृत युवा रक्तदान सेवा समिति तखतपुर छत्तीसगढ़ के संचालकों द्वारा सभी जरूरतमंदो तक रक्तदाता निःशुल्क उपलब्ध कराने हेतु पूर्ण प्रयास किया जा रहा है।