महामहिम राष्ट्रपति के नाम भाकपा ने सौंपा ज्ञापन, जन, मजदूर व किसान विरोधी नितियों के संबंध में
कोण्डागांव। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी जिला कोण्डागांव ने केंद्रीय सरकार की जन विरोधी, मजदूर विरोधी, किसान विरोधी नितियों का विरोध करते हुए, ऐसे तमाम जन विरोधी नितियों को केंद्रीय सरकार द्वारा वापस लेने का निर्देश जारी करने हेतु एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति को जिला अधिकारी कोण्डागांव के माध्यम से प्रेषित किया। भाकपा जिला सचिव तिलक पाण्डे ने जानकारी देते हुए बताया कि भाकपा द्वारा अपने ज्ञापन में लेख किया गया है कि केंद्रीय सरकार द्वारा एक के बाद एक निरंतर जन विरोधी, मजदूर विरोधी, किसान विरोधी नितियों को न केवल बनाया जा रहा है, बल्कि बहुमत में होने का बेजा फायदा उठाते हुए, मन मर्जी तरीके से ऐसे विधेयकों को संसद में पारित कराकर आमजनों, मजदूरों व किसानों पर ऐसी विरोधी नितियों को थोपा भी जा रहा है। जिससे देश के आमजन, मजदूर व किसान सभी बेहद परेशान हो रहे हैं। उक्त परेशानियों के मद्देनजर ही केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के आव्हान पर 26 नवम्बर 2020 को मजदूरों व कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल रखकर विभिन्न मांगों को महामहिम राष्ट्रपति के समक्ष रखी जाकर, उन पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए ऐसे तमाम जन विरोधी नितियों को वापस लेने हेतु केंद्रीय सरकार को निर्देश जारी करने का आग्रह किया जा रहा है। ज्ञापन में 44 श्रम कानूनों को खत्म करके बनाई गई मजदूर विरोधी 4 श्रम संहिताओं (लेबर कोड) का निर्णय वापस लेने, किसान विरोधी कानून वापस लेकर स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशें लागू करने, न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये घोषित करके, केन्द्र व राज्य में एक समान वेतन देने, आंगन बाडी, मिड-डे मील, मितानिन व अन्य योजनाकर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, नई शिक्षा नीति वापस लेने, सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश व निजीकरण बंद करने, सभी मजदूरों को ईपीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी, नियमित रोजगार, पेंशन व दुर्घटना लाभ आदि सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने,सेवारत कर्मचारियों को 50 वर्ष की आयु व 33 वर्ष की नौकरी के बाद जबरन रिटायर करना बंद करने, मनरेगा में 200 दिन का रोजगार देने सहित इसे शहरी क्षेत्र में भी लागू करने, कांट्रेक्ट, फिक्सटर्म, आउटसोर्स व ठेका प्रणाली की जगह नियमित रोजगार देने, सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार समान काम का समान वेतन देने, नई पेंशन नीति (एनपीएस) की जगह पुरानी पेंशन नीति(ओपीएस) बहाल करने, मोटर व्हीकल एक्ट में परिवहन मजदूर व मालिक विरोधी बदलाव वापस लेने, भारी महंगाई पर रोक लगाने। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतें कम करने। बैंक, बीमा, रक्षा, कोयला, इस्पात, ऊर्जा तथा नगरनार संयंत्र का निजीकरण बंद करने की मांगों सहित स्थानीय मांगों में एनआईएसपी नगरनार संयंत्र के डीमर्जर विनिवेशीकरण का फैसला वापस लेने, एनएमडीसी में कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया जल्दी लागू करने, कोविड- 19 महामारी के दौरान जिनकी मृत्यु हुई है, उनके आश्रित सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति देने सहित परिवार को रु. 50 लाख का मुआवजा दिए जाने की मांगों का लेख कर उम्मीद जताई गई है कि महामहिम राष्ट्रपति उपरोक्त संबंध में शीघ्र ही समुचित कार्यवाही करेंगे। ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान जिले के अन्य कम्युनिष्ट मौजुद रहे।