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विवादित वन कक्ष क्रमांक में नहीं जारी होगा सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र

नगरी के ग्राम पंचायत दुगली और कौहाबाहरा के बीच वन भूमि के तीन कक्षों को लेकर चल रहे विवाद के मद्देनजर आज कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य ने बैठक ली। दोनों पक्षों में चल रहे विवाद से कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बैठक में निर्णय लिया गया कि किसी भी पंचायत को विवादित वन कक्ष क्रमांक के लिए सामुदायिक वन संसाधन अधिकार नहीं दिया जाए। मगर उक्त कक्ष में परम्परागत रूप से वन संसाधनों का उपयोग परस्पर दोनों पंचायत के ग्रामीण कर सकते हैं और दोनों में से कोई भी पक्ष दूसरे को वन संसाधनों का उपयोग करने से रोक नहीं सकता। कलेक्टर ने साफ तौर पर कहा है कि अब कोई भी नया अतिक्रमण विवादित कक्ष में नहीं होना चाहिए, लेकिन पुराने अतिक्रमणकारी अगर 2005 तक उक्त भूमि में काबिज होने संबंधी दावा करना चाहें तो उप खंड स्तरीय समिति के सामने साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे उन्हें व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र देने के लिए विचार किया जा सके।
जिला पंचायत के सभाकक्ष में सुबह 11 बजे से आहूत बैठक में कौहाबाहरा के निवासियों द्वारा मवेशियों के लिए गौठान की मांग की गई। इस पर कलेक्टर ने वनमण्डलाधिकारी श्री अमिताभ बाजपेई को निर्देशित किया कि क्यूंकि विवादित वन कक्ष वन विभाग के अंदर रहेगा और वन विभाग ही माइक्रो मैनेजमेंट प्लान बनाएंगे, इसी के तहत आवर्ती चराई योजना से कौहाबाहरा में गौठान बनाया जाए। इसके साथ ही दुगली में स्थित चारागाह में विवाद की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया कि वहां किसी भी प्रकार का चारा नहीं लगाया जाए। इसके अलावा कौहाबाहरा में स्थित दुगली पंचायत भवन को वहां से दुगली के राजीव गांधी सेवा केन्द्र में वैकल्पिक रूप से संचालित करने का निर्णय भी बैठक में लिया गया।
कलेक्टर ने बैठक में मौजूद सीईओ जनपद नगरी को निर्देशित किया कि दुगली के लिए नया पंचायत भवन स्वीकृत कराया जाए । कलेक्टर ने दोनों पंचायत के ग्रामीणों को भाई चारे से विवाद को सुलझाने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि दुगली में वन विभाग द्वारा संचालित वन प्रसंस्करण केन्द्र में क्षेत्र के सभी ग्रामीण मिलकर काम करें। बैठक में कलेक्टर के साथ उपस्थित पुलिस अधीक्षक श्री बी.पी. राजभानु ने मौके पर दोनों पक्ष के सरपंच, ग्रामीणों, वरिष्ठों को समझाइश दी कि आपस में मिलजुलकर रहें और भविष्य में विवादों को सुलह करने आपस में चर्चा करें। अगर दोनों पक्ष लड़ाई झगड़ा करेंगे तो व्यक्तिगत एफ आई आर दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नगरी, एसडीओ वन, एसडीओपी, थाना प्रभारी  सहित दोनों पक्ष के वन प्रबन्धन समिति के सदस्य भी मौजूद रहे।

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