प्रजाबंधु पार्टी की प्रत्याशी ट्रीसा डेविड कर रही है धुआंधार प्रचार
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कहा लोगों का मिल रहा है अपार समर्थन
दुर्ग। इंडिया प्रजा बंधु पार्टी की ओर से संसदीय क्षेत्र दुर्ग से श्रीमती ट्रीसा डेविड अपना भाग्य आजमा रही है। श्रीमती डेविड भिलाई में ही जन्मी और बीए तक की शिक्षा प्राप्त कर एक शिक्षिका के रूप में अपने जीवन का आगाज किया। वे कुम्हारी स्थित एक प्रायवेट इंग्लिस मीडियम स्कूल में शिक्षिका से प्राचार्य तक का सफर तय कर पति आगस्टिन डेविड के निधन के पश्चात कुछ समय घर में बच्चों के साथ बिताकर पुन: सामाजिक जीवन में अपने आप को लगाकर मानव सेवा को लक्ष्य मानते हुए अपना संंपूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहती है। एक चर्चा में प्रत्याशी ट्रीसा डेविड ने बताया कि मैं बचपन से ही सामाजिक जीवन में रूचि रखती थी। यह संस्कार मेेेरे माता पिता की ओर से मिला है और समय समय पर मैं गरीब बच्चों को कापी, किताब एवं वस्त्र वितरित करती रहती हूं। इसके अलावा शहीद भगत सिंह की जयंती एवं पुण्यतिथि के अवसर पर शहीद भगत सिंह ग्रुप से जुडकर अपना भरपूर योगदान और समय दिया करती हूं। जब उनसे पूछा गया कि आप का आईडियल कौन है, इस पर उन्होंने कहा कि मैं संविधान निर्माता स्व. डॉ. भीमराव अंबेडकर को अपना आईडियल मानती हूं क्योंकि उनका यह विचार जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि दुखों से मुक्ति चाहिए तो उससे लडना होगा और जिसे लडना है, उसे पहले पढना होगा क्योंकि ज्ञान के बिना लडने गये तो हार निश्चित है। इसे मैँ बहुत प्रभावित हुई। इसलिए मैेने एक शिक्षिका का कार्य करते हुए अनाथ एवं गरीब बच्चे बच्चियों को अधिक से अधिक शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्रेरित करती हूं। एक प्रश्र का उत्तर देते हुए श्रीमती ट्रीसा डेविड ने कहा कि अब जबकि मैं चुनाव लड रही हूं तो मेरे राजनीतिक गुरू के रूप में हमारी पार्टी के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रंजीत ओफिर को मानती हूं। उनकी सोच बिल्कुल बाबा साहेब अंबेडकर से मिलती जुलती है तथा वे साधारण गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं, मगर उनके विचार बडे ही ऊंची है। वर्तमान में वे भी चुनाव में व्यस्त है, और अतिशीघ्र मेरे प्रचार के लिए दुर्ग आयेंगे। प्रत्याशी श्रीमती ट्रीसा डेविड ने आगे कहा कि मुझे ऐसा नही लग रहा हूं कि मैं पहली बार चुनाव लड रही हूं। क्षेत्र की जनता का अपार जनसमर्थन मुझे मिल रहा है। साथ ही अन्य पार्टियों की तरह मैं धनबल में विश्वास नही रखती और एक साधारण महिला जो कि धनबल में कमजोर जरूर है, मगर जनलब की ताकत मुझे आवश्य मिल रहा है। मैँ जहां जाती हंंू, सैकड़ों की संख्या में लोग मेरी बातों और विचार से प्रभावित होकर तन मन से साथ दे रहे हैं।