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सियान सदन वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बेहतर आवास का कराता है एहसास, Sian House realizes better accommodation for senior citizens

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा स्थापित व संचालित सियान सदन वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बेहतर आवास का एहसास कराता है। जहाँ सुरक्षा गार्ड के साथ एक सुरक्षित परिसर में निवास स्थान, बिस्तर, मेज, कुर्सियाँ, आलमीरा, फ्रिज और एक विशाल बाथरूम की सुविधाओं के साथ आबंटित प्रकाशमय कमरा है। इसके अलावा भिलाई में स्थित अक्षयपात्र से दोपहर व रात के खाने के लिए भोजन, तुरंत बुलाने पर एक डॉक्टर और ए बुलेंस की सुविधा सेल-बीएसपी के सियान सदन में निवासरत् 20 वरिष्ठ नागरिकों को गर्व के साथ प्रफुल्लित करता है। इस सियान सदन में वर्ष-2010 से बुजुर्ग जोड़े, विधवा और विधुर सहित सेवानिवृत्त बीएसपी कर्मचारी निवास कर रह रहे हैं।उनका स्वयं का एक घर जिसे व्यवस्थित रखना आसान है। जहाँ पर्याप्त खुली जगह, एक डाइनिंग हॉल, एक कॉमन रूम एवं प्रत्येक कमरे के साथ आवश्यकतानुसार एक छोटा रसोईघर भी है। साथ ही हर कमरे में एक टीवी कनेक्शन भी दिया गया है। सियान सदन में उन लोगों के लिए पर्याप्त सुविधाएँं हैं, जो अपने बच्चों के साथ रहने में सक्षम नहीं है, एक विस्तारित परिवार नहीं है या सिर्फ रहने के लिए चुनते हैं क्योंकि वे अलग रहना चाहते हैं। सियान सदन के कुछ रहवासियों से सौजन्य भेंट व बातचीत करने पर वे बड़े ही आत्मीयता से कहते हैं। इसी संदर्भ में हमने सियान सदन में निवासरत् 91 वर्षीय बी एल ढींगरा से उत्सुकता के साथ बातचीत की। उन्होंने संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस में सहायक फोरमैन के रूप में कार्य प्रारंभ किया। श्री ढींगरा बहुत सतर्क हैं और यहाँ निवास करने वाले हर सदस्य का याल रखते हैं कि क्या उन्होंने दोपहर/रात का भोजन किया है या नहीं। वह नाश्ते के लिए अपनी स्वयं की व्यवस्था करता है और ओट्स खाना पसंद करते हैं। श्री ढींगरा वर्ष 1957 में बीएसपी से जुड़े और वे 1958 तक रूस में प्रशिक्षण प्राप्त किया। ब्लास्ट फर्नेस-1 के निर्माण को देखने वाले पहले कर्मचारियों में से वे एक थे। वे कहते हैं कि फरवरी, 1959 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के स्वागत के लिए हम सभी कास्ट हाउस में पंक्तिबद्ध थे। उन्होंने कहा कि मैंने पंडित नेहरु से हाथ भी मिलाया है। उन्होंने आगे कहा कि मैनें ब्लास्ट फर्नेस-1 से 5 को बनते और उसका विकास होते देखा और वर्ष 1988 में प्रबंधक (ब्लास्ट फर्नेस) के रूप में सेवानिवृत्त हुआ हूँ। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उस समय भिलाई इस्पात संयंत्र में लगभग 3000 रशियन कार्य करते थे। वे कहते हैं कि उनकी सबसे बड़ी बेटी अब एक वरिष्ठ नागरिक है जबकि छोटी विदेश में रहती है। उन्होंने अपने घर को बेच दिया और अपनी बेटियों की शादी करने के लिए बैंक और डाकघरों में निवेश किया। वह सियान सदन के अनौपचारिक समन्वयक हैं और 90 वर्ष उम्र होने के बावजूद अपनी इस भूमिका को निरंतरता के साथ निभा रहे हैं। वर्ष 1958 में बीएसपी में शामिल हुए  जी बी सिंह ने प्लांट गैरेज, मर्चेंट मिल, दूध डेयरी में डेयरी पर्यवेक्षक के रूप में काम किया और 1996 में टाउनशिप विभाग से सेवानिवृत्त हुए। उनके दो बेटों की दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। उनकी दो बेटियाँं अन्य जगहों पर रहती हैं। उनके दामाद श्री दलबीर सिंह, नगर सेवाएँ विभाग में महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत् थे। वर्ष 1968 में, श्री जी बी सिंह ने एक मलयाली महिला सुश्री जी व्ही लीला से शादी की। उत्साही युगल अब भी सुखी जीवन के साथ प्रसन्नचित्त रहते हैं और दोनों ने पंजाबी और मलयाली भाषा भी सीख लिया है। वे दोनों अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति स्वयं जागरूक रहते हैं। ये द पति वर्ष 2010 से  सियान सदन में निवासरत् हैं। श्री जी बी सिंह अपने यादों को ताजा करते हुए कहते हैं कि पंजाब के गुरदासपुर जिले में उनके पैतृक गाँंव कल्लूसोहोल के लोग, जो हीराकुंँड बांँध परियोजना में काम कर रहे थे, उन्हें बीएसपी में काम करने के लिए बुलाया गया था और मेरे दोस्त प्रीतम सिंह ने मुझे बीएसपी में काम करने के लिए लाया। भिलाई इस्पात संयंत्र ने मुझे सब कुछ दिया है और मुझे कोई कमी नहीं है। इसने शुरुआत से लेकर अंत तक हमारा साथ दिया। श्याम सुन्दर बरोरी जो जुलाई, 1959 में बीएसपी में शामिल हुए और 1991 में वीआर लिया। वे फाउंड्री शॉप में काम करते थे। वे एक कुशल गायक और मंच वादक भी हैं। 1000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित करने के बाद, उनके छात्र खैरागढ़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी बन गए हैं। वे अपनी पत्नी के साथ सियान सदन में रहते थे। 5 साल पहले अपने जीवन साथी को खो देने के बाद अब वे अकेले ही सियान सदन में रहते हैं।

 

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