छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

आम जनता अपना वाजिब हक पाने इस बार कांच का गिलास छाप का बटन दबाये

आत्माराम साहू को लोग जिताने वोट रूपी समर्थन देने दे रहे जगह जगह आश्वासन
भाजपा और कांग्रेस उद्योगपतियों की सरकार रही है-प्रत्याशी आत्माराम साहू
दुर्ग। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के क्रांतिकारी पार्टी एसयूसीआई कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी कामरेड आत्माराम साहू ने इस चुनाव में आम जनता से अपील की है कि वे इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस सहित अन्य किसी दलों के झांसे में आकर अपना वोट को नुकसान नही करते हुए वे इस बार अपने सच्चे हितैषी कामरेड आत्माराम साहू को कांच का ग्लास छाप का बटन दबाकर विजयी बनाये। क्योंकि अब तक कांग्रेस और भाजपा सहित देश की कई अन्य पूजींपति पार्टियों ने राज किया और आम जनता से छलावा करती आई है। अभी वर्तमान मोदी सरकार को ही ले लिजिए उन्होंने पिछले चुनाव में जितने वादे किये थे उसमें से एक भी वादे पूरे नही किये। हमार पार्टी ने जनभावना के अनुरूप इस चुनाव में घोषणा की है कि हमारी पार्टी के विजयी होने से देश में खाली पडे 1 करोड से अधिक पदों पर पर नौजवान बेरोगजारों को नौकरी दिलवाने, रोजगार नही मिलने तक बेरोजगारी भत्ता दिलवाने, सभी मितानिनों, आंगनबाड़ी कर्मियों सहित सभी प्रकार के संविदा कर्मियों और शिक्षाकर्मियों को शासकीय कर्मचारी बनवाने, सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन लागू करवाने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को पूरी तरह नि:शुल्क करवाने, मजदूरों का न्यूनतम वेतन सात सौ रूपये प्रतिदिन करवाने, पूर्ण शराबबंदी लागू करवाने, किसानों के सभी उत्पादनों को लाभकारी मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदीकरवाने, खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं की कीमतें कम करवाने,  महिला अत्याचार व तस्करी पर रोक लगवाने, मंहगाई कम करवाने, सरकारी क्षेत्रों में निजीकरण बंद करवाने, पहली से आठवीं तक पास फेल प्रणाली शुरू करवाने का काम करेगी। प्रत्याशी आत्माराम साहू ने आगे बताया कि हमारी पार्टी देश और राज्य में लगातार जनांदोलन संगठित कर रही है। इस आंदोलन की आवाज को संसद में उठाने के लिए पूरे देश में 119 स्थानों और छग में रायपुर और दुर्ग में इस चुनाव में हमारी पार्टी चुनाव लड़ रही है। हम जहां भी लोगों के पास अपने विचारों को लेकर जा रहे हैं, वहां हमें लोगों का अपार जनसमर्थन मिल रहा है,और लोग हमें अपना वोट रूपी समर्थन देने की बात कर रहे हैं।
आत्माराम साहू ने कहा कि हम पूर्व में कांग्रेस की और भाजपा की सरकारों को देख चुके है, इनके कथनी और करनी में कितना अंतर है, यह भी जान चुके हैं। अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब होते जा रहे है। दुनिया का एक तिहाई गरीब हमारे देश में रहते है। करोड़ों लोगो को प्रतिदिन भूखे सोना पडता है। करोडों बच्चे बचपन छोड मजदूरी करने मजबूर हैंद्ध दो करोड महिलाएं व बच्चे वेश्यावृत्ति में फंसे हुए है। स्वास्थ्य सेवा के अभाव में प्रतिवर्ष लाखो लोग अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। बेरोजगार दिन प्रतिदिन अत्यकधिक बढते जा रही है। निजीकरण करते हुए सरकार क्षेत्रों में एक करोड से अधिक पद खाली किये गये। केन्द्र सरकार की गलत नीतियों और किसानों की उपेक्षा के कारण देशमें साढे 3 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
वहीं दूसरी तरफ मात्र 1 प्रतिशत अमीर देश की 73 प्रतिशत संपत्ति के मालिक है। 75 पूंजीपतियों की संपदा भारत के 90 प्रतिशत  जनता की संपदा के बराबर है। मुठठी भर उद्योगपति  बैँको के 10 लाख करोड रूपये दबाये बैठे हैं, जबक मिनिमम बैंलेंस नही रखने पर आम जनता के खाता धारकों के 4 साल में 12 हजार करोड रूपये वसूल लिये गये। वहीं पूंजीपतियों के 3.6 लाख करोड रूपये के लोन माफ कर दिये गये। रेलवे सहित तमाम सार्वजनिक उद्योगों, देश के प्राकृतिक संसाधनों व संपत्तियों को पूंजीपतियों को देने की नीतिया चल रहे है। आम जनता का प्रतिवर्ष 10 लाख करोड रूपया भ्रष्टाचार के जरिय नेताओं, अधिकारियों और पंूजीपतियों के जेब में चला जाता है। 2017 में जब पूरे भारत में मंदी का दौर था तब अंबानी अडानी की सपंत्ति में 125 प्रतिशत से अधिक की बढोत्तरी हुई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र की कंपनी 16 हजार करोड रूपये मुनाफे में रही है।अमीरों की संपत्ति प्रतिदिन 22 सौ करोड़ रूप्ये बढ रही है। इन तमाम सरकारों द्वारा पुंजीपतियों के हित में काम किया जा रहा है। आज के दौर में संसद और विधानसभाओं में अमीरों ने कब्जा कर लिया है। इस लोकसभा में 545 में से 82 प्रतिशत सांसद करोड़पति है और 33 प्रतिशत सांसदों पर आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं।
एसयूसीआई कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी कामरेड आत्माराम साहू ने आगे बताया कि देश की जनता में संगठित होकर विरोध और आंदोलन करने की क्षमता और चेतना पैछा ना हो सके इसके लिए पूरे समाज को सुनियोजित रूप से ड्रग्स, शराब में डुबाने का काम किया गया। टवी, फिल्म व अन्य प्रचार माध्यमों के जरिए अश£ीलता, सेक्स विकृतियों और सड गली संस्कृतियों को बढावा दिया गया। सांप्रदायिकता का जहर सुनियोजित रूप से डाला गया। वहंी एक लें समय तक कांग्रेस ने देश पर शासन किया और समाजवादी ढंग के समाज व गरीबी हटाओं जैसे लुभावने नारों के साथ लोगों को धोखा दिया। जब कांग्रेस बदनाम हो गई तब शासकन पूंजीपति वर्ग ने संसदीय राजनीति में विकल्प के रूप में भाजपा ने चुनाव से पहले अच्छे दिन लाने और ढेर सारे झूठे वादे किये। जिस मंहगाई, भ्रष्टाचार, रोजगार, महिलाओं पर अत्याचार, कालाधन, के मुद्दे पर भाजपा सरकार सत्ता में आई थी। अब वह अपने इन वादों को छीपा रही है। अब जनता को अलग अलग नकली मुद्दों पर भटका रही है। भाजपा के इस शासनकाल में भी जन समस्याएं लगातार बढती रही है। महिलाओं पर अत्याचार बढे, दलितो, प्रवासी मजदूरों, अल्पसंख्यकों और बुद्धिजीवियों पर हमले बढे तथा इनकी हत्याएं तक कराई गई। नोटबंदी ने देश के आमजनता की कमर तोड़ दी। कुल मिलाकर पिछले पांच साल में पौने 5 करोड़ रोजगार खत्म हो गये। 4 साल में 50 हजार से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली। राज्य में 3 हजार और देश मेें 86 हजार स्कूलें बंद किये गये। हजारों करोड रूपये का राफेल घोटाला किया गया। रेलवे के 3.87 लाख मोबाईल कनेक्शन का ठेका जियो को दिया गया। विजय माल्या, निरव मोदी जैसे कई उद्योगपति देश का धन लूटकर भाग गये। वही जीएसटी लागू कर आम व्यापारियों की कमर तोड दी गई। गैस सिलेण्डर आज भी लगभग हजार रूपये देकर भरवाना पडता है, पेट्रोल, डीजल को सरकार से मुक्त कर तेल कंपनियों के संचालकों को लूट की खुली छुट दे दी गई। खुदरा बाजार सहित अन्य कई क्षेत्रों में विदेशी निवेश की अनुमति दी जिसका एसयूसीआई कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी कामरेड आत्माराम साहू एवं उनकी पार्टी विरोध करते हुए कहती है कि इस बार वे आत्माराम साहू पर विश्वास कर उनके कांच के गिलास छाप का बटन दबाकर उनको जिताएं और अपना वाजिब हक पायें।

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