
चेंबर को प्राइवेट कंपनी की तरह संचालित होने से बचाने व्यापारी एक जुट होंगे ?
रायपुर। छत्तीसगढ़ के व्यापारियों कि सबसे बड़ी संस्था छत्तीसगढ चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स का चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहा है, वैसे वैसे इसके सदस्यों में सरगर्मी बढ़ती जा रही है। छग चेम्बर्स ऑफ कामर्स के दोनो गुट जितेन्द्र बरलोटा और अमर परवानी पदासीन होने के लिए पूरी तरह जोर लगा रहे है। इस चुनाव में यह देखने को मिल रहा है कि आपस में मतभेद रखने वाले लोग व्यापार पैनल के प्रत्याशी अमर परवानी की वजह से एक सप्ताह में एक हो गये हैं। तीन सालों में चेम्बर्स को कमजोर कर अनुभवी और कर्मठ अध्यक्ष जितेन्द्र बरलोटा को कमजोर करने वाले अवसरवादी लोग अब एकजुट हो गये है। चेम्बर्स के कुछ सदस्यों का कहना है कि चेम्बर्स को प्राईवेट कंपनी की तरह संचालित होने से बचाने व्यापारी एकजुट हो रहे हैं। वहीं कुछ सदस्यों का कहना है कि इस बार के चुनाव में चेम्बर्स में आसीन अवसरवादियों को व्यापारी अपने मतों के माध्यम से जवाब देंगे।
उल्लेखनीय है कि गत वर्षों के अध्यक्ष पद में आसीन जितेन्द्र बरलोटा सबसे ज्यादा मतों से जितने वाले अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे, जितेन्द्र बरलोटा बहुत अनुभवी एवं कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में जानें जाते रहे है ! लेकिन पिछले तीन वर्षो के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष को काम नहीं करने दिया गया जो लोग आपस में एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, इन लोगो ने युवा चैंबर को खत्म किया, एकता में अनेकता आ गई जिससे इस्तीफा का दौर चला और तीन साल तक आपस में खींचातानी चली लेकिन अमर परवानी की वजह से फिर इन सभी को एक होना पड़ा है। इस बार का चेम्बर्स का चुनाव रोचक होने वाला है। जितेन्द्र बरलोटा और अमर परवानी अपने अपने पैनल को जिताने जम कर मेहनत कर रहे है, अब देखना है कि इस चुनाव में कौन सा पैनल विजय श्री हासिल करता है। प्रदेश के व्यापारी क्या निर्णय लेते है ये भविष्य बताएगा!