छत्तीसगढ़
Kondagaon:आरएमए की लापरवाही से हुई मरीज की मौत, इलाज के लिये मांगे 2 हजार रुपये
कोंडागांव। केशकाल के ग्राम सलना में एक ग्रामीण चिकित्सा सहायक के द्वारा मरीज को 3 दिन के भीतर ठीक कर देने के नाम पर 2 हजार रुपये लेने और गंभीर स्थिति देख रिफर करने के बाद मृत्यु होने का मामला सामने आया है। मामले में परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार बड़ेराजपुर ब्लॉक अंतर्गत लिहागाँव, उपरपारा निवासी धुर्वेश्वर नेताम पिता बेनुराम नेताम उम्र 23 वर्षीय की शुकवार को अचानक तबियत बिगड़ने के बाद परिजनों ने उपचार के लिए सलना के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए लाया। जहाँ सहायक चिकित्सक सुरेंद्र साहू के द्वारा मरीज को 3 दिन में ठीक करने 2 हजार रु की मांग करने पर मरीज के भाई रुपये की व्यवस्था कर ग्रामीण सहायक चिकित्सक साहू को 2 हजार दे दिए।जिसके बाद मरीज का इलाज प्रारम्भ कर इजेक्शन व गुलकोस बोतल चढ़ाकर शाम को घर भेज दिया गया। मरीज को वापस घर ले जाने के बाद उसी रात उसकी तबियत और बिगड़ती चली गई। परिजनों ने अगली सुबह दुबारा सलना अस्पताल ले गये, जहाँ दिनभर उपचार के बाद डॉक्टर ने स्थिति गम्भीर देख देर शाम मरीज को बाहर ले जाने रिफर कर दिया। जिसके बाद रविवार को निजी वाहन से मरीज को फरसगांव अस्पताल लाया गया, जहाँ उपचार के बाद मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गयी।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि एक सरकारी डॉक्टर द्वारा मरीज के इलाज के लिए उसे ठीक करने के नाम पर पैसे की डिमांड कर ठीक करने की गारंटी दी जाती है, और गभीर हालत देख उसे रिफर करने से उसकी मौत हो गई। परिजनो ने कहा कि ऐसे लापरवाह डॉक्टर पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। इस मामले में ग्रामीण चिकित्सा सहायक सुरेंद्र साहू ने बताया कि मरीज धुर्वेश्वर नेताम का घर में इलाज करने के बाद दूसरे दिन हॉस्पिटल में भर्ती कर इलाज किया गया तथा शाम को रिफर किया गया। लेकिन जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर पंजीयन रजिस्टर देखा गया तो मरीज का नाम कहीं भी उल्लेख नहीं था। सवाल यह उठता है कि जब हॉस्पिटल में मरीज को भर्ती किया गया तो क्या उसका नाम दर्ज क्यों नहीं किया गया। कुछ का यह भी आरोप है कि उक्त आरएमओ के द्वारा अधिकतर घर में ही इलाज किया जाता है और हॉस्पिटल की दवाई घर में रखा रहता है। साथ ही नशे की हालत में भी अस्पताल पहुंचता है।