चुनाव के लेकर मुख्यमंत्री डूबे है इन दिनों भारी चिंता में
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भारी बहुमत से सरकार बनने के बाद राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक सीट लाने की आशा छत्तीसगढ़ से लगा रखी है, पिछले लोकसभा चुनाव में जहां 10-10 सीटे भाजपा को मिलती थी वहीं इस चुनाव में कम से कम इतनी सीटे कांग्रेस को लानी है, इसके लिए कांग्रेस हाईकमान ने अंदरूनी तौर पर सीएम भूपेश बघेल से पूर्व में ही कह भी दिया था। प्रदेश में कई स्थानों पर भाजपा को बढत मिलने के समाचार मिल रहे हैं, उसमें सबसे अधिक चिंता का विषय दुर्ग लोकसभा क्षेत्र है, इसके अलावा दूसरी सीट बिलासपुर एवं तीसरी जांजगीर चांपा का जहां बसपा के दाउ रत्नाकर के मैदान में होने के कारण यहां त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति के कारण यहां बसपा से कांग्रेस को नुकसान होता एवं भाजपा को इसका लाभ मिलता दिखाई दे रहा है। सर्वें में सबसे पहली सीट यदि भाजपा को कहीं से मिलती दिखाई दे रही है तो वह दुर्ग लोकसभा सीट ही है, यहां यह भी अफवाह लगातार उड़ते जा रही है कि भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सगे भतीजे है, इसलिए अंदरूनी उनके परिवार का सपोर्ट विजय बघेल को मिल रहा है, जिसका स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग में गत 4 अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिमा चन्द्राकर के नामांकन दाखिल के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में दिया था कि जगह जगह अफवाह उड़ाया जा रहा है कि मेरे द्वारा विजय बघेल को सर्पोट किया जा रहा है कि विजय मेरा भतीजा है तो मैं स्पष्ट कर दूं कि राजनीति में कोई भी भाई भतीजा वाद नही चलता, यदि मेरा परिवार है तो कांग्रेस है और कोई भाई भतीजा है तो वह कांग्रेस कार्यकर्ता है, इसलिए विपक्षी दलों द्वारा वोट को प्रभावित करने के लिए उडाये जा रहे ऐसे अफवाहों पर भरोसा मत कीजिए, एक ये तो चिंता सीएम बघेल को है ही। वहीं दूसरी चिंता उनकों इसबात की है कि दुर्ग लोकसभा क्षेत्र उनका गृहग्राम है और पाटन उनका गृह विधानसभा क्षेत्र है और विजय बघेल का भी पाटन $गृहग्राम व विधानसभा क्षेत्र होने के कारण विजय की भी यहां अच्छी खासी पैठ है, इसलिए कहीं इस लोकसभा चुनाव में पाटन से प्रतिमा को विजय से वोट कम न मिले। इसके अलावा प्रतिमा चंद्राकर सीएम की गुरू बहन है, उनके पिता दाऊ वासुदेव चंद्राकर ही भूपेश बघेल को टिकिट तो टिकिट बी फार्म भी वही दिये थे, राजनीति के गुण भूपेश ने उन्ही से सीखा था, इन सबके कारण प्रतिमा को दुर्ग लोकसभा चुनाव हर हाल में जिताने का जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर है। यदि दुर्ग लोकसभा चुनाव कांग्रेस हार गई तो सीएम की छवि दिल्ली में भी धूमिल हो सकती है। इसके अलावा प्रदेश में कीतनी सीटें कांग्रेस को मिलेगी कितनी नही? यह सब इन दिनों चिंता का विषय भूपेश बघेल के लिए बना हुआ है। यह चिंता उनके चेहरे पर तो चेहरे पर बल्कि आमसभाओं में भी साफ दिखाई देने लगा है।