ये क्या अफसरों की तानाशाही नहीं है? आखिर आम लोगों के बारे में कौन सोचेगा? – प्रकाशपुन्ज पाण्डेय

ये क्या अफसरों की तानाशाही नहीं है? आखिर आम लोगों के बारे में कौन सोचेगा? – प्रकाशपुन्ज पाण्डेय*
समाजसेवी और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने मीडिया के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन और नगर निगम, रायपुर का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के देवेंद्र नगर चौराहे के पास लाइन से जो दुकानें बनी हुई हैं और लोग उन दुकानों में सालों से दुकानदारी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, उन दुकानों को नगर निगम के जोन क्रमांक 2 के अधिकारियों ने 24 घंटे में खाली करने का आदेश जारी करते हुए नोटिस दिया है जिसमें यह लिखा है कि देवेंद्र नगर चौराहे पर जो दुकानें हैं उनके एवज़ में उन दुकानों के पीछे नवनिर्मित दुकानों में सभी दुकानों को 24 घंटा में खाली करके उसमें शिफ्ट किए जाने की अनिवार्यता है। लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जब पीछे बनने वाली दुकानों का काम भी पूरा नहीं हुआ है तो वर्तमान स्थिति में जो दुकानें चल रही हैं और लॉकडाउन से जूझ रहे रायपुर के लोग उसमें जैसे तैसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं, वह 24 घंटे में नई दुकानों में कैसे विस्थापित हो जाएंगे? यह सबसे बड़ा प्रश्न है। क्या इन अधिकारियों को इतना भी समझ में नहीं आता है कि किसी कार्य को सुगमता से करने का क्या तरीका होता है?
मैं स्थानीय विधायक और जोन कमिश्नर के साथ ही नगर निगम कमिश्नर, महापौर, नगरी प्रशासन मंत्री तथा मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को अपील करता हूं कि कम से कम मानवता को ध्यान में रखते हुए इन अफसरों की तानाशाही पर लगाम देने के निर्देश जारी करें वरना यह लोग मिलकर कांग्रेस के नवनिर्मित सरकार की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और उन दुकानदारों पर अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखें क्योंकि आप ही छत्तीसगढ़ के रहनुमा हैं।
*प्रकाशपुन्ज पाण्डेय, राजनीतिक विश्लेषक व समाजसेवी, रायपुर, छत्तीसगढ़ ।*
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