बिलासपुर पुलिस में बड़ी सफलता मिली है, जिसमें उन्होंने 5 ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तानियों के
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बिलासपुर पुलिस में बड़ी सफलता मिली है, जिसमें उन्होंने 5 ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तानियों के
सबका सँदेश कान्हा तिवारी-
साथ मिलकर गंभीर साइबर कब अपराध को देते थे अंजाम। इन आरोपियों ने तकरीबन 2 करोड रुपए का चूना देश भर के लोगों को लगाया है। पकड़े गए सभी आरोपी रीवा, मध्य प्रदेश देवास, उड़ीसा और मुंबई के हैं। पुलिस ने इनके पास से तकरीबन ₹45 लाख नगद और 15 लाख रुपए विभिन्न बैंक खातों में सीज़ किए हैं। बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल से मिली जानकारी के अनुसार इस बार पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जिसमें उन्होंने पांच ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो ऑनलाइन ठगी जैसे अपराध को पाकिस्तानी अपराधियों के साथ मिलकर अंजाम दिया करते थे। एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि, “ऑपरेशन 65 कुल 9 दिन तक चला” जिसमें उन्होंने 3 नग लैपटॉप, 13 नग मोबाइल, 15 लाख नगद, एटीएम कार्ड पासबुक और विभिन्न बैंक खातों के अलावा 27 लाख रुपए ब्लॉक कराएं हैं। कुल मिला कर जप्त किए गए रकम तकरीबन 42 लाख रुपए हैं पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपियों के नाम विराट सिंह जो कि महज 21 वर्ष का है। शिवम ठाकुर जिसकी उम्र 20 वर्ष , संजू सिंह चौहान ये भी तकरीबन 20 साल का ही है। इसके अलावा राजेश जायसवाल 55 साल और सीताराम गौड़ 45 साल का है। ये सभी लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए पाकिस्तानी नंबरों से फोन या मैसेज किया करते थे। इसके बाद इन्हें इनामी लॉटरी के अलावा केबीसी और बंपर ऑफर जैसे लोक लुभावने लालच देकर फसाया जाता था। इस तरह इन्हें तकरीबन देशभर के हिंदीभाषी राज्यों में तकरीबन 2 करोड रुपए की ठगी की है। बिलासपुर पुलिस की मानें तो यह पूरा मामला उस वक्त सामने आया जब बिलासपुर के ही शिकायतकर्ता जनकराम पटेल ने इसकी लिखित शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि किस तरह से जनवरी से लेकर अगस्त 2020 के बीच में पाकिस्तानी नंबर से फोन और व्हाट्सएप के जरिए यह कहा गया कि, वे मुकेश अंबानी बोल रहे हैं, यह कहकर उन्होंने 25 लाख रुपए जिओ के लकी ड्रा में जीता है और केबीसी के भाग्यशाली विजेता के नाम पर 2 करोड़ अतिरिक्त जीतने का लालच दिया। फरवरी से अगस्त 2020 तक विभिन्न खातों में प्रार्थी से तकरीबन 65 लाख रुपए जमा करा लिए गए इस दौरान जनक राम को शक हुआ और उसने पुलिस में इसकी शिकायत की। मामले की गंभीरता को समझते हुए बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा एसपी प्रशांत अग्रवाल ने एक विशेष टीम बनाया जिसमें अलग-अलग थानों के 22 लोगों को शामिल किया गया। इस टीम में एक आईपीएस भी शामिल था। साथ ही साइबर क्राइम और साइबर सेल से जुड़े लोग इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे थे। बिलासपुर पुलिस ने इस पूरे फ्रॉड के मामले में कुछ पाकिस्तानी नंबर सार्वजनिक किए हैं जिसमें बड़े मामू उर्फ अजगर पाकिस्तानी छोटे मामू उर्फ अशरफ पाकिस्तानी, हैंडलर इरफान और अख्तर जैसे कई अन्य पाकिस्तानी लोगों के नाम सामने आए हैं।