छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

नगर निगम की स्थगित बजट बैठक आज हुई कुशाभाऊ ठाकरे भवन में

बजट पर किया गया सिलसिलेवार चर्चा

कांग्रेस पार्षदो ने सत्तापक्ष को गिनवाई बजट की त्रुटियाँ, संशोधन पर बनाया दबाव

दुर्ग। नगर निगम के 1 मार्च को स्थगित बजट बैठक मंगलवार को आदित्य नगर के कुशाभाऊ ठाकरे मंगल भवन में हुई। जिसमें सिलसिलेवार बजट के आय एवं व्यय के के लिए रखे प्रावधानों पर पार्षदों ने चर्चा की। ज्ञातव्य हो कि 1 मार्च को महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट सदन में पेश किया था। बजट में करीब 3.44 अरब की आय व 4.03 अरब की व्यय का प्राँवधान किया गया है। समयाभाव के कारण स्थगित बजट बैठक मंगलवार को दोपहर 12 बजे आदित्य नगर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे मंगल भवन में सभापति राजकुमार नारायणी की अनुमति से पुन: प्रारंभ हुई। बैठक में पहले बजट की विभागवार चर्चा की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चर्चा शुरू हो पाती इसके पहले विपक्षी कांग्रेस पार्षदो ने बजट को आंकड़ों का मायाजाल व त्रुटिपूर्ण बताते हुए सदन में सत्तापक्ष को जमकर घेरा। विपक्ष पक्ष के आरोपो से सत्तापक्ष बार-बार निरूत्तर होते नजर आया। जिस वजह से सदन में शोरशराबे का आलम बना रहा। कांगेस के वरिष्ठ पार्षद आरएन वर्मा ने बजट को पूर्णत: काल्पनिक बताया है। उन्होंने कहा कि बजट को अनुमानों में नहीं आंकड़ों में तैयार किया जाना चाहिए। पूर्व के बजट में भी शहरवासियों को कई सपने दिखाए गए हैं, जो आज तक पूरे नहीं किए गए हैं। महापौर द्वारा अपने कार्यकाल में करीब 17 अरब के बजट पेश किए जा चूके हैं, लेकिन शहर जैसे पूर्व की स्थिति में था, उससे भी ज्यादा शहर की स्थिति बद्त्तर हो गई है। यह दुर्भाग्य का विषय है। श्री वर्मा ने शंकरनाला निर्माण को जल्द पूरा करवाने के अलावा लावारिस कुत्तों के लिए व्यवस्था करने  से संबंधित सुझाव दिए। वरिष्ठ पार्षद अब्दुल गनी ने बजट पर चर्चा करते हुए सदन में बजट के आंकड़ो की त्रुटियाँ गिनवाई। श्री गनी ने कहा कि स्थापना व्यय को बजट में शून्य दिखाया गया है और निगम कर्मचारियों के वेतन व यात्रा भत्ता के लिए लाखों रूपए का प्रावधान किया गया है। कर्मचारियों का वेतन तय होता है, इसलिए वेतन के वास्तविक आंकड़े दिखाने चाहिए। नगर निगम बजट में वास्तविक आंकड़े देने से क्यों डरती है। यह समझ से परे हैं। श्री गनी ने एक ही व्यय को दो विभागों में शामिल करने पर सदन में जोरदार आपत्ति दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि बजट में वास्तविक आंकड़ा प्रस्तुत करने पर ही शहर की भलाई होगी। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि नगर निगम बजट के अनुसार कार्य नहीं करती है। जिसका परिणाम विस चुनाव में सामने आ चूका है। अब तक 17 अरब के बजट पेश किए जा चूके हैं, शहर को स्मार्टसिटी बन जाना था, लेकिन शहर विकास से कोसो दूर चला गया है।

पार्षद प्रकाश गीते ने बजट पर विभागवार चर्चा करते हुए प्रतिभावान विद्यार्थियों व खिलाडिय़ों के सम्मान का मुद्दा उठाया। श्री गीते का कहना था कि अब तक नगर निगम कितने विद्यार्थियों व खिलाडिय़ों का सम्मान कर चूकी है। इसका विभाग प्रभारी सदन को सार्वजनिक रूप से जानकारी दे, लेकिन प्रभारी अपने जवाबों से श्री गीते को संतुष्ट नहीं कर पाए। जिससे सदन में शोरशराब मचा। पार्षद हमीद खोखर ने बजट को कॉपीराईट बताया और इसके खिलाफ कार्यवाही करने पर जोर दिया। इसके अलावा श्री खोखर ने शहर में बन कर तैयार खड़े निगम कांपलेक्सों के दुकानों को युवा बेरोजगार युवको को कम दरो पर आवंटन की बात कही। उनका कहना था कि दुकानों की आवंटन राशि अधिक होने की वजह से जरूरतमंदों को दुकानों का लाभ नहीं मिल पाता है। समाचार लिखे जाने तक बजट बैठक में विभागवार चर्चा जारी थी। विपक्ष कांग्रेस के पार्षद बजट के त्रुटियों पर संशोधन के लिए लगातार दवाब बनाए हुए थे। बैठक में  महापौर चंद्रिका चंद्राकर, एमआईसी प्रभारी, प्रवीर मोहन सिंह, पिंटू, शिवेन्द्र सिंह परिहार, नेता प्रतिपक्ष लिखन साहू, पार्षद दिनेश देवांगन, राजकुमार वर्मा, सुरेन्द्र सिंह राजपूत, अरूण सिंह, दीपक साहू, अजय दुबे के अलावा अन्य पार्षद व निगम अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

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