कबीरधाम जिले के 11 धान संग्रहण केन्द्रो में बनेंगे 37 नए धान चबूतरा
कबीरधाम जिले के 11 धान संग्रहण केन्द्रो में बनेंगे 37 नए धान चबूतरा
प्रथम चरण के 215 धान चबूतरा का निर्माण पूर्ण होने पर दूसरे चरण के लिए 37 नये कार्यो की मिली स्वीकृति
महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं 14वें वित्त योजना के अभिसरण से होगा निर्माण कार्य
कवर्धा, 08 अक्टूबर 2020। छत्तीसगढ़ शासन के प्राथमिक योजना में समिलित कृषि उपज को सुविधायुक्त रखने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों का विकास करने के उपदेश से जिले के 11 ग्राम पंचायतों में 37 नये धान चबूतरा का निर्माण धान संग्रहण केन्द्रों में किये जाने हेतु कार्य कि स्वीकृति जिला पंचायत कबीरधाम द्वारा दी गई है। दूसरे चरण में बनने वाले धान चबूतरा के लिए खाद्य विभाग से जानकारी जिला पंचायत को उपलब्ध करायी गई थी, जिसके आधार पर कार्यो को किया जाना है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं 14वें वित्त योजना के साथ होने वाला यह कार्य जनपद पंचायत कवर्धा के ग्राम पंचायत बिरकोना, धरमपुरा, सोनपूरी रानी एवं रेवली में किया जायेगा। इसी तरह जनपद पंचायत बोड़ला के ग्राम पंचायत हरिनछपरा, खड़ौदाकला, पोड़ी, सारंगपूरकला एवं मिनमिनिया मैदान में कराया जाना है। जनपद पंचायत पंडरिया के ग्राम पंचायत रैतापरा एवं चारभाटाखुर्द में धान चबूतरा निर्माण कार्य किया जाएगा।
जिला पंचायत कबीरधाम से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में विभिन्न 66 धान संग्रहण केन्द्रों में 215 धान चबूतरा का निर्माण कार्य प्रथम चरण में कराया गया था, जो कि अब पूर्ण हो गया है। इसके उपरान्त अब दूसरे चरण में 37 धान चबूतरा का निर्माण 11 केन्द्रो के लिए कराया जा रहा है। इस तरह जिले के 77 धान संग्रहण केन्द्र सीधे लाभान्वित होंगे। कलेक्टर द्वारा धान चबूतरा बनाने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना से कार्य की स्वीकृति दी गई है। इन कार्यो को 14वें वित योजना के राशि से अभिसरण द्वारा कराया जा रहा है। तथा इस सभी निर्माण कार्यो के लिए ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाया गया है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि दूसरे चरण में 37 धान चबूतरा निर्माण कराने की स्वीकृति 74 लाख रूपये की लागत से दिया गया है। महात्मा गांधी नरेगा योजना से होने वाले इस कार्य में ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा साथ ही 11 धान उर्पाजन केन्द्रों में चबूतरा बन जाने से धान को सुरक्षित रखने की व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे धान को गीला होकर खराब होने से बचाया जा सकेगा। जिला पंचायत के सीईओ ने बताया कि पूर्व में 66 धान उर्पाजन केन्द्रो में चबूतरे का निर्माण पूरा कराया जा चूका है। तथा वर्तमान में होने वाले इस निर्माण कार्य को नवम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।