
कांकेर: छत्तीसगढ़ फिर हुआ शर्मसार
कांकेर में पुलिस प्रशासन के सामने शहर के पत्रकारों के ऊपर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष सतीश लाटिया ने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस सरकार आई है अराजकता का माहौल बन गया है । कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को सरेराह पुलिस प्रशासन के समक्ष पीटा जा रहा है उन्हें जान से मारने की धमकी तक दी जा रही है और प्रशासन मूकदर्शक बनकर तमाशाइयों की भीड़ भर बन कर रह जा रही है । कांकेर के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला व सतीश यादव के ऊपर जानलेवा हमला किया गया और उन्हें मारते हुए कांकेर थाने तक लाया गया उनका गला रेतने की कोशिश की तक गई । क्या यही है बदलाव?? कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता 15 वर्ष बाद मिले सत्ता के नशे में इतने बेलगाम और मदहोश हो गए है की खुलेआम पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे पत्रकारों को पीट रहे है । कांकेर में कोविड महामारी के कारण जिला प्रशासन ने धारा 144 लगाई हुई उसके बाद भी सैकड़ो कांग्रेसियों की भीड़ पत्रकारों को पीटने के लिये थाने के सामने जमा हो जाती है और प्रशासन चुपचाप देखते रहती है । ऐसा लगता है सारे नियम कायदे आम जनता के लिये है और कांग्रेसियों को सारे नियम तोड़ने की छूट प्रशासन ने दे रखी है ।
ये वही कांग्रेस के लोग और सरकार है जो एकतरफ तो पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की बात करती है,और दूसरी ओर जनता की आवाज उठाने वाले पत्रकारों को अपने ही गुंडों से पिटवाती है । क्या कांग्रेसी ऐसा ही नवा छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता को देंना चाहते थे ।
हमेसा अभिव्यक्ति की आजादी का ढोंग करने वाली कांग्रेस पत्रकारों का गला दबा रही है
लोकतंत्र की हत्या और पत्रकारों पर खुला प्रहार कांग्रेस नेता सत्ता के संरक्षण में कर रहे है।
श्री लाटिया ने कहा कि
कानून कायदे यह सब कांग्रेसी नेताओं के लिए कोई मायने नही रखता । भरे बाजार पत्रकारो पर कांग्रेसी नेता ,जनप्रतिनिधियो के द्वारा इस प्रकार की मारपीट सरकार की लचर कानून व्यवस्था को प्रदर्शित कर रही है ।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के संरक्षण में लगातार इस प्रकार के मामले सामने आ रहे जो कि बेहद शर्मनाक एवं चिंताजनक है । इससे पहले भी भुपेश बघेल सरकार के खिलाफ लिखने पर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ
पुलिस झूठे मुकदमे दर्ज कर चुकी है । धमतरी जिले में रेत माफियाओ ने जिला पंचायत सदस्य को सत्ता संरक्षण में जान से मारने की कोशिश की थी । श्री लाटिया ने कहा कि घटना के वीडियो और प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार पत्रकारों को पीटने वाली कांग्रेसियों की सैकड़ो की भीड़ थी परंतु काँग्रेस नेताओ को बचाने के लिये सिर्फ 4 लोगों के विरुद्ध ही मामला दर्ज किया गया है जबकि यह तो सरासर बलवा का मामला है ।
श्री लाटिया ने सरकार से दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है वरना भाजपा इस मामले की शिकायत राज्यपाल से करेगी ।