व्यापम के भूखे कांग्रेस को ना सिखाये सत्ता कैसे चलाई जाती है – मोहन मरकाम
कोण्डागांव । विधायक मोहन मरकाम ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंग के द्वारा कांग्रेसियों को भूखे कहे जाने वे अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जिनके ऊपर व्यापम घोटाले में हुई कई हत्याओं की आंच है और जिन्होंने उज्जैन कुम्भ को भी घोटाले कुम्भ में परिवर्तित कर दिया था वो आज कांग्रेसियों को भूखा बता रहे है ।
हां कांग्रेसी भूखे है कांग्रेसी भूखे है पिछले 15 साल में भाजपा द्वारा विकास से कोसो दूर कर चुके छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कांग्रेसी भूखे है बेहाल हो चुके छत्तीसगढ़ के किसानों के उत्थान के लिए कांग्रेसी भूखे है। सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के हर एक नागरिक को मूलभूत सुविधा पहुचाने के लिए कांग्रेसी भूखे है । 15 सालो में भाजपा द्वारा बर्बाद कर दी गई अर्थव्यवस्था को सुदृण करने के लिए पिछले 20 वर्षों से जनता ने भाजपा का सांसद चुनकर केंद्र में भेज लेकिन ये बस्तर वासियो का दुर्भाग्य ही रहा की भाजपा के सांसदों द्वारा बस्तर के मूलभूत विकास के लिए संसद में कोई आवाज नही उठाई गई । जिसका नतीजा आज भी बस्तर अपने मूलभूत विकास के लिए तरस रहा है ।
यदि बस्तर के निर्वाचित सासंद ने बस्तर की आवाज दिल्ली में उठाई होती तो बस्तर की स्थिति और तस्वीर आज कुछ और होती संसद की निष्क्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके द्वारा गोद लिए गए आदर्श गांव चपका का हाल बेहाल है । जिसकी खामियां मीडिया के माध्यम से कई बार उजागर हो चुकी है ।
कांग्रेस शिवराज सिंग जी सहित भाजपा को चुनौती देती है कि उनके केंद्र के 60 महीने और कांग्रेस के छतीसगढ़ सरकार के 100 दिन के कार्यो की तुलना कर ले खुली बहस कर ले निर्णय अपने आप हो जाएगा कि बेहतर शासन कौन चला सकता है ।
निसन्देह जिस प्रकार से भुपेश बघेल जी के नेतृत्व में कांग्रेस ने महज 100 दिन में किसानों के कर्ज माफी, बिजली बिल हाफ, 2500 रु धान का समर्थन मूल्य, तेंदुपत्त्ता की दर 4000रु करने, चिटफंड में डूबे निवेशकों के पैसे वापस दिलवाने, रिक्त 15000 शिक्षाकर्मियों की भर्ती प्रकिया शुरू करने,1380 महाविद्यालयीन प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जो ऐतिहासिक निर्णय लिए है उससे भाजपा के खेमे में खलबली मची हुई है और उनका मानसिक संतुलन गड़बड़ा सा गया है । इसलिए भाजपाई अनर्गल बयानबाजी पे उतर आए है । भाजपा माननीय मंत्री कवासी लखमा पे नक्सलियों से सांठगांठ का आरोप लगा रही है और आरोप लगाते समय भूल जाती है कि पिछले 15 वर्षों से छ ग में भाजपा का शासन था तो क्या इसके ये मायने निकाले जाए कि भाजपा पिछले 15 वर्षों से नक्सलियों से सांठगांठ कर सत्ता प्राप्त करती रही है ।
भाजपा भूल गई कि कांग्रेस ने झीरम घाटी में हुए दुर्दांत नक्सली हमले में शहीद महेंद्र कर्मा,शहीद नन्दकुमार पटेल सहित अपने पूरे शीर्ष नेतृत्व को खो दिया था जिसकी जांच के लिए sit भी गठित हो गई है और जल्द ही उसमे संलिप्त भाजपाइयो का चेहरा बेनकाब हो जाएगा और असली गुनहगार सलाखों के पीछे होंगे ।
भाजपा विकास की बात करती है जबकि भाजपा का असली चेहरा सिर्फ और सिर्फ उद्योगपतियों का साथ देना है यदि भाजपा ने छत्तीसगढ़ में विकास किया होता तो उसे अपने सभी वर्तमान सांसदों की टिकट काटने की जरूरत नही पड़ती वर्तमान सांसदों की टिकिट काटना उनकी निष्क्रियता को स्पष्ठ परिलक्षित कर रहा है भाजपा और मोदी सरकार को आमजनता, गरीब, मजदूर, किसानों, मध्यमवर्ग, बेरोजगार युवाओं से कोई लेना देना नही है ।उसे तो बस कैसे भी बरगला के वोट लेने से सरोकार है मोदी जी ने 2014 में वादा किया था यदि उनकी सरकार बनी तो सबके खाते में 15 लाख देँगे हर वर्ष 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे 10 करोड़ रोजगार देना तो छोड़ उल्टा 5 करोड़ से ज्यादा लोगो के रोजगार छीन लिए किसानों के साथ मजाक करते हुए उन्हें प्रतिदन 17 रु देने की घोषणा करते है जबकि राहुल गांधी जी ने कहा है कि यदि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनती है प्रत्येक गरीब परिवार को न्यूनतम आय योजना के तहत 72000 रु सालाना उनके खाते में डालेंगे । आज भाजपाई अपनी सुनिश्चित हार देखकर बौखला गए है और बौखलाहट में भाजपाई अनर्गल बयानबाजी कर रहे है जिसका जवाब बस्तर सहित देश की जनता 23 मई को उन्हें सत्ता से बाहर कर दे देगी ।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागाँव 9425598008