कोण्डागांव। धर्मांतरण किए आदिवासियों के मकानों को चंद भटके आदिवासी जनों के भडकावे में तोड-फोड कर धर्मांतरित आदिवासी परिवारों के 16 मकानों को उजाड़ने का मामला सामने आया है। उक्त घटना की जानकारी मिलते ही जिला व पुलिस प्रषासन के आला अधिकारी व पुलिस बल मौके पर थी। ज्ञात हो कि उक्त पूरा मामला जनपद पंचायत कोण्डागांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत चिपावण्ड एवं सिंगनपुर का है। जहां तीन अलग-अलग गांवों के धर्मांतरित आदिवासी परिवारों के 16 मकानों में तोड-फोड किया गया है। जिसमें ग्राम पंचायत चिपावण्ड के आश्रित ग्राम काकडाबेडा के 10, ग्राम सिंगनपुर के 4 एवं आश्रित ग्राम तिलियाबेडा के 2 मकानों को उजाड़ दिया गया। गौरतलब बात यह है कि उक्त सभी मकानों में तोड़फोड की घटना को दिन दहाडे अंजाम दिए जाने के साथ ही ऐसा कृत्य करने वाले ग्रामीणजनों के द्वारा बैठक के साथ-साथ जिला व पुलिस प्रषासन के संबंधित अधिकारियों सहित सर्व आदिवासी समाज के प्रमुख नेताओं के सामने ही मकानों में तोड़-फोड करने की बात को स्वीकारा जा रहा है। इसके बावजूद जिला व पुलिस प्रषासन के संबंधित अधिकारियों सहित सर्व आदिवासी समाज के प्रमुख नेतागण उक्त मामले को आपसी समझौते से निपटाने का प्रयास करते नजर आए। वहीं पीडित परिवारजनों ने प्रेस को जानकारी दी है कि मकानों में तोड-फोड करने वालों ने बाकायदा चेतावनी दी है कि इस तरह मकानों में तोड-फोड किए जाने के बाद भी यीषू मसीह को मानना छोडकर वापस आदिवासी समाज में शामिल नहीं हुए तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। यह भी बताया कि उनके परिवार के मुखियाओं ने 21 सितम्बर को सिटी कोतवाली कोण्डागांव में पहुंचकर आदिवासी समाज के द्वारा दी गई धमकी की सूचना देते हुए सुरक्षा की मांग की थी। जिस पर सुरक्षा तो नहीं मिला बल्कि 22 सितम्बर की दोपहर बाद से उनके मकानों में तोडफोड किया जाना शुरु कर दिया गया और यह सिलसिला 23 सितम्बर तक जारी रहा। वहीं उक्त तरह का तोड-फोड करने वाले ग्रामीणजन ग्राम सिंगनपुर बस्ती के समीप एकजुट होकर सामुहिक रुप से भोजन बनाते व भोजन करते नजर आए। जहां पहुचा प्रषासनिक अमला ग्रामीणजनों की भारी भीड़ को देखकर सर्व आदिवासी समाज के जिला स्तरीय पदाधिकारियों को बुलवाकर दोनों पक्षों में समझौता करवाती नजर आई। ज्ञात हो कि जिले में यह पहली घटना नहीं है इससे पूर्व भी 1 जुलाई 2020 को ग्रापं. सिंगनपुर के आश्रित ग्राम मोहनबेडा में राम, लक्ष्मण नामक युवकों के परिवार में शामिल कुल 6 सदस्यों को यीषू मसीह की शरण में जाना उस वक्त महंगा पड गया, जब 3 ग्रामीणों के भड़काने पर 1 जुलाई को मोहनबेडा के कुछ ग्रामीणजनों द्वारा उक्त परिवार के चार लोगों के साथ न केवल जमकर मारपीट किया, बल्कि उनके घर में जमकर तोड-फोड कर दिया गया था। 22-23 सितम्बर को हुई घटना को उक्त घटना की ही पुनरावृत्ति मानी जा सकती है, क्योंकि ग्राम मोहनबेडा में हुई उक्त बडी घटना को भी मात्र समझाईष देकर समाप्त कर दिया गया था। ऐसे ही वर्ष 2018 में भी एक बडी घटना जिले के तहसील केषकाल के अंतर्गत आने वाले ग्राम अरण्डी में भी पांच गैर आदिवासियों के मकान में चंद नेताओं द्वारा भटकाए गए ग्रामीणजनों की भीड के द्वारा तोड-फोड की जा चुकी है, हांलाकि उक्त मामले में भले ही चंद नेताओं के नरमी बरती गई लेकिन बाकायदा एफआईआर दर्ज किया जाकर पुलिस विभाग द्वारा विधि सम्मत कार्यवाही की गई।