छत्तीसगढ़

जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 6390 गर्भवती माताएं और 8149 एनिमिक महिलाओं को दी जा रही है गरम भोजन

कांकेर खबर

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जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 6390 गर्भवती माताएं और 8149 एनिमिक महिलाओं को दी जा रही है गरम भोजन!

नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव एवं नियंत्रण के लिए जिले में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को माह मार्च से बंद कर दिया गया था। कोरोना काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर सूखा राशन का वितरण किया गया। राज्य शासन द्वारा कुपोषण की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाये हुए बच्चां के पोषण स्तर को बनाये रखने तथा स्वास्थ्य सुविधा के लिए अब आंगनबाड़ी केन्द्रों को 07 सितम्बर से पुनः प्रारंभ कर दिया गया है। जिले में 2108 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसमे राष्ट्रीय पोषण माह तथा मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम के तहत् 03 से 06 वर्ष के 24155 बच्चे, 6390 गर्भवती माताएं और 8149 एनिमिक महिलाओं को गरम भोजन दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय पोषण माह योजनांतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गरम भोजन की सेवाऐं प्रारंभ करने के लिए योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत् जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र खोले गये हैं। कंटेनमेंट जोन में आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों को संचालन करने के पूर्व सेनेटाईजेशन कर ब्लीचिंग पाउडर से सफाई किया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्र में हितग्राहियों को प्रवेश करने के पूर्व साबुन से हाथ धुलाई तथा सेनेटाईज कराया जा रहा है, भोजन बनाने के पूर्व बर्तनों को गरम पानी से सफाई करवाया जा रहा है। भोजन परोसते समय थाली में आवश्यकतानुसार पत्तल एवं केला पत्ता रखा जा रहा है, गर्भवती एवं एनिमिक हितग्रहियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में अलग-अलग समय पर बुलाया गया है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि एक समय में 15 से अधिक हितग्राहियों को आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करते हुए साफ-सफाई किया जा रहा है। नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण के लिए जागरूक करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम भोजन प्रदाय किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर पर्यवेक्षकों के द्वारा अांगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित भ्रमण कर राष्ट्रीय पोषण माह एवं मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम की सतत मानिटरिंग की जा रही है।

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