छत्तीसगढ़

पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास जी द्वारा, विगत 5 माह से उनके व्हाट्सएप ग्रुप सीता रसोई संचालन ग्रुप में प्रातः 10:00 से 11:00 बजे और दोपहर 1:00 से 2:00 ऑनलाइन सत्संग का आयोजन

छत्तीसगढ़ :-

14 सितम्बर
पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास जी द्वारा, विगत 5 माह से उनके व्हाट्सएप ग्रुप सीता रसोई संचालन ग्रुप में प्रातः 10:00 से 11:00 बजे और दोपहर 1:00 से 2:00 ऑनलाइन सत्संग का आयोजन प्रतिदिन किया जा रहा है,
आज ऑनलाइन सत्संग अद्भुत, अद्वितीय, दैविक ज्ञान तत्वों से युक्त, संस्कारों की वाणी से परिपूर्ण, यह सत्संग आज पूरे देश में आकर्षण का केंद्र है जिसका देशव्यापी साधु संत भी भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं, ऑनलाइन सत्संग को 5 माह पूर्ण होने पर सभी ने बाबा जी को शुभकामनाएं एवं बधाई प्रेषित की, एवं संत श्री ने भी सभी को अपने वक्तव्य से कुछ इस प्रकार धन्यवाद प्रेषित किया, ऑनलाइन सत्संग के विषय में उन्होंने अपने विचार रखे की, ऑनलाइन सत्संग के इन पांच माह में बहुत से लोग दूर से नजदीक आ गए बहुत से लोग पाटेश्वर धाम से परिचित हुए जो केवल सुनने को प्राथमिकता देते थे उन्होंने सत्संग में बोलना भी प्रारंभ किया छोटे-छोटे बच्चों के भजन चौपाई ने सब को आनंदित कर दिया कई निस्वार्थ रिश्तो का भी निर्माण हुआ इस सत्संग के माध्यम से एक-दूसरे को सम्मान पूर्वक संबोधित करना भैया दीदी मैया बहन आनंद ले कर आते ऐसी वाणी का समूह में प्रयोग होना संस्कारों का ही प्रभाव है प्रतिदिन जन्मदिन का बधाई शुभकामनाएं से सभी ह्रदय से गदगद हो जाते है
पुण्यतिथि पर पुण्य आत्माओ का स्मरण अद्भुत रहा एक ऐसा मंच हमें मिला जिसमें विभिन्न विषयों को सुन सके रख सके अपनी अभिव्यक्ति को रख सके अपने व्यक्तित्व एवं वक्तव्य को निखार सके इसके लिए ऑनलाइन सत्संग से जुड़ने वाले व उसे चलाने वाले सभी भक्तों साधकों जनों को बहुत-बहुत धन्यवाद
ऑनलाइन सत्संग का प्रभाव कुछ इस प्रकार रहा कि कई लोगों ने इसके प्रभाव से मांसाहार को त्याग दिया प्रतिदिन भजन का प्रभाव, ऐसा रहा कि शराब नशा दूर हो गया प्रतिदिन 10:00 से 11:00 और 1:00 से 2:00 बजे का इंतजार रहता है संत वाणी सुनने का, बाबा जी की पाती में बड़े-बड़े संतों की दिव्य वाणी को सुनने के लिए प्रतिदिन संध्या 4:00 बजे यूट्यूब पर सभी भक्त जुड़ते हैं, सत्संग के समय एवं अद्भुत ज्ञान का आनंद ऐसा कि ऐसा लगता है कि हम सब एक ही जगह बैठकर सत्संग का आनंद ले रहे हैं बिना किसी साधन की,
आज भी ग्रुप में अद्भुत सत्संग का आयोजन हुआ, रामफ़ल जी ने जिज्ञासा रखी थी, हनुमान चालीसा में तुम्हरे भजन राम को पावै, है या भावे है, प्रभु इसे स्पष्ट कीजिए, क्या रात्रि में भी तिलक लगाना चाहिए, इन विषयों के स्पष्ट करते हैं बाबा जी ने बताया कि, यह केवल शब्द की भिन्नता है, प्रभु नाम को जपने का भाव एक ही है, हनुमान जी ने कहा भी है कि जो मुझे भजेगा वह श्री राम को पावेगा, और श्री राम जी ने भी कहा है जो मुझे भजेगा वह हनुमान को पावेगा, उसी प्रकार श्री राम जी कहते हैं कि जो हनुमान जी की भक्ति करेगा, मुझे भावेगा, और भगवान हनुमान जी ने भी कहा है कि जो प्रभु श्री राम की भक्ति करेगा, वह मुझे भावेगा
हमें प्रतिदिन तिलक अवश्य करना चाहिए, संध्या को भी आप स्नान करके छोटा सा तिलक अवश्य लगाएं, जिस प्रकार सुहागन स्त्रियों के लिए मांग में सिंदूर और बिंदी आवश्यक होती है वैसे ही पुरुषों के लिए हमारे हिंदू धर्म में तिलक आवश्यक होता है
14 सितंबर, आज विशेष है क्योंकि आज हिंदी दिवस है, आज ग्रुप में बधाई और संदेशों का दिन रहा, हिंदी के महत्व, प्रभुता एवं संपन्नता पर प्रकाश डालते हुए बाबा जी ने बताया कि, यह ऐसी भाषा है जो हृदय के तार छेड़ देती है ह्रदय से बोली जाती है और ह्रदय तक जाती है अत्यंत सरल सरस एवं सुगम हिंदी भाषा हमारी राष्ट्रभाषा है इसका हमें गर्व है हिंदी साहित्य में अनेक महान कवि हुए रामधारी सिंह दिनकर जी मैथिलीशरण गुप्त जी महादेवी वर्मा जी हरिवंश राय बच्चन जी से लेकर प्रदीप जी तक अद्भुत हिंदी कवि हुए आप भी अपने घरों में हिंदी को महत्व देते हुए उनके दोहे चौपाई मीरा जी के पद कबीर की वाणी को प्रतिदिन बजाये इससे घर में हिंदी मय वातावरण बना रहेगा अंग्रेजी का ज्ञान अन्य भाषाओं का ज्ञान अवश्य होना चाहिए परंतु हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसे आप बेहिचक हर जगह अपनाएं और इस पर गर्व करें
इस प्रकार आज का सत्संग अति आनंददायक रहा
जय गौ माता जय गोपाल जय सिया राम

सबका संदेश ब्युरो चीफ बेमेतरा टिकेश्वर साहू 9589819651

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