शराब दुकान नेताओ के जेब भरने का बना जरिया-किसान गरीब मजदूर के साथ छलावा*

*शराब दुकान नेताओ के जेब भरने का बना जरिया-किसान गरीब मजदूर के साथ छलावा*
कांग्रेस सरकार अपनी पुरानी वही रूढ़िवादी राजनीति अपनाते हुए एक तरफ कोरोनावायरस घट काल में पूरे नगर में लॉक डाउन कर कर्फ्यू जैसी स्थिति को पालन करने के लिए मजदूर मजबूर किए हैं वहीं दूसरी तरफ शराब भट्टी खोलकर अपने जेब भर रहे हैं 13 सितंबर से बेमेतरा जिला में सभी नगरीय निकायों में लॉकडाउन लगा ! इस बार का लॉकडाउन नगरी निकायो में कर्फ्यू के रूप में लगा है जिसमे सभी दुकाने, फिल्म सब्जी मार्केट सभी बंद किए गए हैं एक तरफ सरकार के निर्देशानुसार पूर्ण लॉकडाउन करना वहीं दूसरी और शराब दुकान खोली जा रही हैं जिससे गरीब किसान मजदूर के तबके के लोग परेशान हैं सरकार के अनियंत्रित फैसला किसानों के लिए बहुत ही दुर्दशा का सबक बना है जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए बेमेतरा के पार्षद नीतू कोठारी ने सरकार के इस फैसले को गरीबो के लिए सौतेला व्यवहार कह! कोर्णाक अनकट को देखते हुए सरकार लॉकडाउन का फैसला लिया है परंतु शराब भट्टी खोल के अपने जेब भरने में खुले हुए हैं सरकार एक तरफ दुकानों को बंद करवा रही हैं दूसरी तरफ शराब दुकान खोली जा रही हैं जिसे नगर के मजदूर किसान कोई काम नहीं कर पा रहे हैं साथ ही कुछ बचे पैसे से शराब लेकर घर में गरीबी को और बढ़ावा दे रहे हैं इससे ग्रामीण क्षेत्रों में हिंसा की लगातार बढ़ोतरी हो ही रहे हैं कांग्रेस के इस प्रकार के फैसले लगातार किसानों के लिए अत्याचारी जैसे फैसले साबित हो रहे हैं!